क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को नई दिल्ली में ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन’ का उद्घाटन करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- आतंकवाद निरोधी सम्मेलन का उद्देश्य समन्वित कार्रवाई है।
- उभरे हुए खतरों पर चर्चा की जाएगी।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुभव साझा किए जाएंगे।
- सम्मेलन में विशेषज्ञों का योगदान रहेगा।
- यह एक महत्वपूर्ण मंच है राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा के लिए।
नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शुक्रवार (२६ दिसंबर) को नई दिल्ली में ‘आतंकवाद निरोधी सम्मेलन’ का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन दो दिन तक चलेगा और इसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित यह वार्षिक सम्मेलन उभरते खतरों का सामना करने के लिए भारत की अगली पीढ़ी की रणनीतियों पर विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। सम्मेलन में ऑपरेशनल बलों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों तथा आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में लगी एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों पर चर्चा का अवसर मिलेगा।
सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य ‘संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण’ की भावना के तहत आतंकवाद के खतरे के खिलाफ समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करना है। इसके लिए औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल विकसित करने और भविष्य की नीति-निर्माण के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करने पर ध्यान दिया जाएगा।
इस सम्मेलन में आतंकवाद विरोधी मुद्दों से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुभव, सफल प्रथाओं और आतंकी जांच से मिली सीख साझा करने का उद्देश्य है।
सम्मेलन के दौरान विदेशी न्यायक्षेत्रों से साक्ष्य एकत्र करने, आतंकवाद विरोधी जांच में डिजिटल फोरेंसिक तथा डेटा विश्लेषण, मुकदमों का प्रभावी प्रबंधन, कट्टरता से निपटना, जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते हाइब्रिड खतरों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ-साथ आतंकवाद वित्तपोषण नेटवर्क को बाधित करने के उपकरण, तकनीक और केस स्टडी पर भी विचार होगा।
इस सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद विरोधी मामलों से जुड़े केंद्रीय एजेंसियों और विभागों के अधिकारी एवं कानून, फोरेंसिक और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।