क्या माता सीता की जन्मभूमि में 'पुनौरा धाम मंदिर' का शिलान्यास सौभाग्य की बात है?

सारांश
Key Takeaways
- पुनौरा धाम में माता सीता का भव्य मंदिर बन रहा है।
- अमित शाह का बिहार दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
- सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत ट्रेन का शुभारंभ होने जा रहा है।
- मंदिर का शिलान्यास मिथिलांचल के लिए गर्व का विषय है।
- राजनीतिक दृष्टि से यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है।
पटना, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 8 अगस्त को बिहार का दौरा करेंगे। वे शुक्रवार की सुबह दरभंगा से होते हुए सीतामढ़ी जाएंगे। अमित शाह सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
इसे लेकर अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "शुक्रवार का दिन पूरे देश और विशेषकर मिथिलांचल के लिए अत्यंत सौभाग्य और हर्ष का दिन होने वाला है, जब बिहार के सीतामढ़ी स्थित माता सीता की जन्मभूमि में पवित्र 'पुनौरा धाम मंदिर' एवं परिसर के समग्र विकास की वृहद योजना का शिलान्यास होगा।"
उन्होंने आगे लिखा, "साथ ही, यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत ट्रेन को स्वीकृत किया है, जिसका शुभारंभ भी होगा।"
वहीं, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "देश के गृह मंत्री आ रहे हैं। बिहार के लिए यह खुशी की खबर है कि पुनौरा धाम में माता सीता का मंदिर बनने जा रहा है, जिसका शिलान्यास गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। मैं भी इसमें शामिल होने के लिए आया हूं, क्योंकि यह मिथिला और पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। माता सीता का भव्य मंदिर बिहार में बन रहा है, जिससे पूरे बिहार में खुशी की लहर है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पर भी विपक्ष को तकलीफ हो रही है। विपक्ष को माता सीता का मंदिर भी रास नहीं आ रहा। यह पूरा बिहार देख रहा है।
उन्होंने कहा कि अब जहां चुनाव आयोग की बात है, तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों मिलकर चुनाव आयोग को बदनाम कर रहे हैं। राहुल गांधी झूठ का प्रचार कर रहे हैं। वे झूठ फैलाने में माहिर हो गए हैं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, और उसके ऊपर इस तरह का हमला करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा, "राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अगर 10 तारीख के बाद एक साथ निकल भी गए तो क्या होगा? राहुल गांधी पहले भी दिल्ली में कई नेताओं के साथ घूमते थे, लेकिन दिल्ली में कितनी सीटें मिलीं? खुद दिल्ली में जीरो हो गए। बिहार में भी यही हाल होगा।"