क्या अमेरिका दोस्त है या दुश्मन? टैरिफ लगाने पर आनंद दुबे का बयान

सारांश
Key Takeaways
- आनंद दुबे ने अमेरिका के टैरिफ पर सवाल उठाए।
- प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप को स्पष्ट उत्तर देना चाहिए।
- किसानों की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
- भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है।
- स्वाभिमान के साथ व्यापार करना चाहिए।
मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के लिए अमेरिका की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अमेरिका दोस्त है या दुश्मन?
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक ओर अमेरिका को भारत का मित्र बताते हैं और डोनाल्ड ट्रंप को अपना दोस्त मानते हैं, लेकिन ट्रंप ने बार-बार कहा है कि भारत-रूस और भारत-चीन व्यापार ठीक नहीं है। अमेरिका को हमारे व्यापारिक संबंधों से क्या परेशानी है? ट्रंप ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की है। अब अमेरिका भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है।
दुबे ने यह प्रश्न उठाया कि अमेरिका क्या वास्तव में दोस्त है या दुश्मन? यदि हम वर्तमान स्थिति को देखें, तो भारत और अमेरिका के बीच संबंध काफी अच्छे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत किससे व्यापार करे, यह हमारा आंतरिक मामला है। प्रधानमंत्री को ट्रंप को स्पष्ट उत्तर देना चाहिए और देश की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा है कि भारत और रूस दोनों की अर्थव्यवस्था डूब गई है, जो कि बहुत ही शर्मनाक है। अमेरिका अपने लिए सरपंच बनेगा, लेकिन हम आपके टुकड़ों पर पलने वाले देश नहीं हैं। हम एक आजाद और स्वाभिमानी देश हैं। भारत की बड़ी जनसंख्या है, इतनी जनसंख्या अगर अमेरिका की हो जाए तो उसे संभालना मुश्किल होगा। भारत ने पूरी दुनिया को दिशा दिखाई है। पीएम मोदी को ट्रंप के खिलाफ एक प्रेस वार्ता करके यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह एक देश के नेता और विश्वगुरु हैं।
किसानों की समस्याओं के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका चल सके। सरकार को केवल जुमलेबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि ठोस कदम उठाने चाहिए। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपेक्षा है कि वे पूर्व के मंत्रियों से बेहतर काम करेंगे। खुशहाल किसान देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए ताकि जय जवान, जय किसान का नारा सार्थक हो सके।