क्या इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट पर आनंद दुबे का तंज सही है?

Click to start listening
क्या इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट पर आनंद दुबे का तंज सही है?

सारांश

क्या इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 का लागू होना राजनीतिक सियासत को जन्म देगा? आनंद दुबे ने सरकार की देरी पर सवाल उठाए हैं। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती लाएगा।
  • सरकार को पहले ही सख्त कदम उठाने चाहिए थे।
  • मराठा आरक्षण आंदोलन पर सरकार की अनदेखी चिंता का विषय है।
  • राहुल गांधी के बयान में भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी है।
  • विपक्ष जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय है।

मुंबई, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार ने अवैध रूप से देश में रह रहे विदेशी नागरिकों और इमीग्रेशन से जुड़े मामलों पर सख्ती बरतते हुए इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 को 1 सितंबर से लागू कर दिया है। इस कदम से सियासी हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि सरकार को शुरुआत से ही सख्त कदम उठाने चाहिए थे।

आनंद दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार को 11 साल हो गए हैं और अब 1 सितंबर 2025 को घुसपैठ पर रोक लगाने की बात कर रही है। इतने वर्षों में किए गए वादों में से कोई भी पूरा नहीं हुआ है। घुसपैठ देश की सुरक्षा, नागरिकों की जानमाल और सम्मान के लिए खतरा है। घुसपैठिए किसी के सगे नहीं होते, वे सिर्फ अपना फायदा देखते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। सरकार को पहले ही सख्त कदम उठाने चाहिए थे। अब देर से जागना यह दर्शाता है कि भाजपा अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है।

आनंद दुबे ने मराठा आरक्षण आंदोलन पर कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन को पांच दिन हो गए हैं, फिर भी मुख्यमंत्री ने संज्ञान नहीं लिया और न ही कोई बड़ा भाजपा नेता उनसे मिलने गया। इससे साफ है कि भाजपा आंदोलन को गंभीरता से नहीं ले रही। हम मनोज जरांगे के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। मराठा समाज की मांगों पर बैठकर समाधान निकालना चाहिए, अहंकार छोड़ना होगा। भोजन-पानी देना मानवता का कर्तव्य है, जो सरकार को करना चाहिए था। विपक्ष मदद कर रहा है, लेकिन इसे राजनीति से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट जो कहेगा, सब मानेंगे।

आनंद दुबे ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के “अब 'वोट चोरी' का 'हाइड्रोजन बम' आने वाला है” वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह कहने का तरीका है कि पहले एटम बम आया, अब हाइड्रोजन बम आएगा और फिर परमाणु बम भी आएगा। उनका इशारा था कि राहुल गांधी के पास लगातार नए-नए दस्तावेज आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसा सुप्रीम कोर्ट ने हारे हुए सरपंच को न्याय दिलाया, वैसे ही देर से ही सही, न्याय अवश्य होगा। राहुल गांधी के पास अगर ऐसे बड़े-बड़े सबूत और दस्तावेज आते हैं, तो निश्चित ही सच्चाई सामने आएगी। यह लोकतंत्र में न्याय और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

बिहार में एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तियां और दावे दर्ज करने की समय सीमा में बढ़ोतरी से इनकार कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आनंद दुबे ने कहा कि हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोर्ट में हर बार हमारी मांग पूरी हो। कभी फटकार मिलती है, कभी प्रोत्साहन मिलता है, यह बहस का हिस्सा है। यदि किसी मामले में समय नहीं मिला, तो विपक्ष इससे कमजोर नहीं होता। हम और मजबूत बहस करेंगे, अधिक सबूत प्रस्तुत करेंगे और सरकार व चुनाव आयोग की जवाबदेही तय करेंगे। विपक्ष संसद से सड़क तक लड़ाई लड़ रहा है और किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगा। बिहार चुनाव सहित हर मुद्दे पर विपक्ष जनता के अधिकार और न्याय के लिए खड़ा रहेगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार को समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता थी। अवैध प्रवास एक गंभीर मुद्दा है और इससे हमारी सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। सही निर्णय लेने की ज़रूरत है जो देश की भलाई में हो।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 क्या है?
यह एक्ट अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए लागू किया गया है।
आनंद दुबे ने सरकार की किस बात पर सवाल उठाया?
उन्होंने सरकार की देरी को लेकर सवाल उठाया और कहा कि सरकार को पहले ही सख्त कदम उठाने चाहिए थे।
क्या मराठा आरक्षण आंदोलन पर सरकार का ध्यान नहीं है?
आनंद दुबे के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन पर ध्यान नहीं दिया।
राहुल गांधी के बयान का क्या महत्व है?
उनका बयान राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
विपक्ष की भूमिका क्या है?
विपक्ष सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए जनता के अधिकारों का समर्थन कर रहा है।