क्या आंध्र प्रदेश में टमाटर की कीमतों में गिरावट से किसान नाराज हैं?

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क्या आंध्र प्रदेश में टमाटर की कीमतों में गिरावट से किसान नाराज हैं?

सारांश

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में टमाटर की कीमतें गिरने से किसानों में आक्रोश है। किसानों ने अपनी उपज सड़क पर फेंककर विरोध किया। क्या सरकार उनकी मदद करेगी? जानिए इस मुद्दे की गहराई में।

Key Takeaways

  • कुरनूल जिले में टमाटर की कीमतें गिरकर 1 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुँच गईं।
  • किसानों ने विरोधस्वरूप अपनी उपज सड़क पर फेंकी।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने टमाटर प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया।
  • किसानों ने लाभकारी मूल्य की मांग की।
  • किसानों का कहना है कि सही मूल्य न मिलने से उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है।

अमरावती, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टमाटर की कीमतों में तीव्र गिरावट के चलते आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में टमाटर उत्पादक किसान अपनी उपज सड़कों पर फेंकने को मजबूर हो गए हैं।

कुरनूल जिले के पाथिकोंडा थोक बाजार में टमाटर की कीमतें केवल एक रुपए प्रति किलोग्राम तक गिर गईं, जिसके कारण किसानों को बड़ा झटका लगा। टमाटर उत्पादकों ने अपनी उपज को सड़क पर फेंककर अपने गुस्से का इजहार किया। इस घटना के कारण गूटी-मंत्रालयम रोड पर यातायात बाधित हो गया।

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार से अपील की है कि वह उनकी मदद करें और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करें। किसानों ने क्षेत्र में टमाटर प्रसंस्करण कारखाने की स्थापना की भी मांग की।

आंध्र प्रदेश में 62 हजार हेक्टेयर में 41.22 टन प्रति हेक्टेयर की टमाटर उत्पादकता के साथ यह राज्य में अग्रणी है। जिले में अनुमानित टमाटर की उपज 22.17 लाख टन है। कुरनूल में लगभग 4,800 हेक्टेयर में टमाटर की खेती की जाती है, जिससे प्रति वर्ष लगभग 1,67,591 टन टमाटर की उपज होती है।

हर साल टमाटर का उत्पादन दो मौसमों में होता है: अगस्त से अक्टूबर (खरीफ) और दिसंबर से अप्रैल (रबी)।

चित्तूर जिले के मदनपल्ली के बाद पाथिकोंडा थोक बाजार राज्य का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर बाजार है।

पाथिकोंडा क्षेत्र में टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसान प्रभावित हो रहे थे, इसलिए आंध्र प्रदेश सरकार ने टमाटर प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया।

इस वर्ष की शुरुआत में दुडेकोंडा में 2.5 एकड़ भूमि पर 11 करोड़ रुपए की लागत से इस इकाई के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया। प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान इस संयंत्र का वादा किया था।

पिछले महीने, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एनडीए सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया, क्योंकि राज्य में प्याज और टमाटर की कीमतें बेहद कम हो गई थीं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायडू ने फसलों की कीमतों को इतना नीचे गिराने का रिकॉर्ड स्थापित किया है जिसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि कुरनूल में प्याज 3 रुपए प्रति किलो और टमाटर 1.50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इन कीमतों पर किसान जीवित रह सकते हैं? क्या किसान को जीने का अधिकार नहीं है?

Point of View

बल्कि कृषि क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और किसानों के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

कुरनूल जिले में टमाटर की कीमतें क्यों गिरी?
कुरनूल जिले में टमाटर की कीमतें गिरने का मुख्य कारण अधिक उत्पादन और बाजार में मांग की कमी है।
किसान अपनी उपज क्यों फेंक रहे हैं?
किसान अपनी उपज को सड़कों पर फेंककर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
सरकार किसानों की मदद के लिए क्या कर रही है?
सरकार ने टमाटर प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सहायता मिल सके।