क्या उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत होगी? : अनिल राजभर

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है।
- प्रधानमंत्री मोदी का दौरा जनता के मनोबल को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- विपक्ष विदेश में घूमने में व्यस्त है।
- एनडीए उम्मीदवार की जीत का विश्वास है।
- सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास कर रही है।
लखनऊ, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भयंकर बाढ़ के कारण जनजीवन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। इन दोनों राज्यों के कई जिलों में बाढ़ का कहर बरपा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने प्रधानमंत्री के इस दौरे पर खुशी
उन्होंने आगे कहा कि वही पंजाब है, वही हिमाचल प्रदेश है, लेकिन उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है। प्रधानमंत्री का वहां जाना वहां के लोगों के लिए संकल्प बनेगा, जो उनके मनोबल और हिम्मत को बढ़ाएगा।
अनिल राजभर ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, "विपक्ष के लोग विदेश यात्रा कर रहे हैं, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जा रहे। कोई भी पंजाब जाने वाला नहीं है। जब भी जनता को कोई समस्या आएगी, भाजपा उनके साथ खड़ी रहेगी। प्रधानमंत्री का दौरा इस बात का प्रमाण है।"
उपराष्ट्रपति चुनाव पर राजभर ने कहा, "विपक्ष इस चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रहा है। अगर वे इसे गंभीरता से लेते, तो विदेश में घूमने नहीं जाते। विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन भले ही आत्मविश्वास दिखा रहा हो, लेकिन उन्हें यह विश्वास है कि जीत एनडीए उम्मीदवार की होगी।"
मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता बहाली के सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने सीधे जवाब देने से बचते हुए कहा कि यह मामला कानूनी है और इस पर कोर्ट का फैसला आया है।
एक्स-रे टेक्निशियन भर्ती में गड़बड़ी और इसके बाद एफआईआर दर्ज होने के मामले पर अनिल राजभर ने कहा कि पिछली सरकार में सभी भर्ती इसी तरह से हुई हैं। सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर अनिल राजभर ने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है। मुख्यमंत्री ने एबीवीपी पदाधिकारियों को आश्वस्त किया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।