क्या अनुपम खेर ने अकेले चलने की 'शक्ति' पर प्रकाश डाला? 'नीले गगन के तले' के साथ साझा किया वीडियो

सारांश
Key Takeaways
- अकेले चलने से आत्म-खोज होती है।
- जीवन के असली मायने समझने का अवसर मिलता है।
- प्राकृतिक सौंदर्य में खोकर मानसिक शांति मिलती है।
- अनुपम खेर की प्रेरणा से लोग सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं।
- 'हमराज' फिल्म का गाना संगीत की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के विशिष्ट अभिनेता अनुपम खेर आज किसी परिचय की आवश्यकता नहीं रखते हैं। अपनी अद्भुत अभिनय कला और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के साथ उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लाखों दिलों को जीता है। मंगलवार को, अनुपम ने जीवन की यात्रा में अकेले चलने के महत्व पर रोशनी डाली।
उन्होंने उल्लेख किया कि अकेले चलने से जीवन के असली अर्थ समझ में आते हैं और व्यक्ति अपनी आंतरिक ताकत को पहचान पाता है।
अनुपम ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह हरी-भरी पहाड़ियों के बीच अकेले चलते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके कंधे पर एक बैग'नीले गगन के तले' गाना शामिल किया।
उन्होंने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, "जब आप अकेले चलते हैं, तब आपको पता चलता है कि आप वास्तव में कितने मजबूत हैं।"
अनुपम खेर की यह बात सोशल मीडिया पर काफी सराही जा रही है। प्रशंसक कमेंट सेक्शन में विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
यह गाना 1967 की प्रसिद्ध फिल्म 'हमराज' का है। इस गाने को मशहूर गायक महेंद्र कपूर ने अपनी मधुर आवाज में गाया और इसके बोल साहिर लुधियानवी ने लिखे, जबकि संगीत रवि ने तैयार किया था।
बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म उस समय की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी। 'हमराज' एक रोमांचक और रहस्यमय कहानी पर आधारित थी, जिसमें रोमांस और लव ट्रायंगल का तड़का था। फिल्म में सुनील दत्त, राज कुमार, विमी, बलराज साहनी, मुमताज, मदान पुरी और मनमोहन कृष्ण जैसे सितारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं। यह फिल्म नायिका विमी की दुखद जिंदगी को भी दर्शाती है, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया था। फिल्म उस समय बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी।
अनुपम खेर न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि अपने विचारों और जिंदगी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए भी जाने जाते हैं।