क्या उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा?

सारांश
Key Takeaways
- अपाचे हेलीकॉप्टर की तैनाती से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी।
- यह हेलीकॉप्टर हर मौसम में प्रभावी है।
- अपाचे उच्च तकनीक और सटीकता से जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाता है।
- यह राजस्थान, गुजरात और पंजाब में तैनात होगा।
- भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना ने अपने बेड़े में अपाचे हेलीकॉप्टर को शामिल कर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सेवानिवृत्त मेजर जनरल और रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल के अनुसार, बोइंग अपाचे दुनिया का सबसे उन्नत और सक्षम अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसने हर युद्ध में अपनी उत्कृष्टता साबित की है।
उन्होंने आगे कहा कि यह हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक सेंसर प्रणालियों, उन्नत नेविगेशन और संचार प्रणालियों से लैस है, जो इसे हर मौसम और परिस्थिति में प्रभावी बनाता है। यह हर समय काम कर सकता है। इसे "फ्लाइंग टैंक" कहा जाता है। ये दुश्मन के ऊपर बड़ी आसानी से हावी हो सकता है। इसमें तीन या चार प्रकार के हथियार ले जा सकते हैं। 30 मिमी चेन गन, रॉकेट, एयर टू ग्राउंड मिसाइल और एयर-टू-एयर स्टिंगर मिसाइल ले जा सकते हैं। अपाचे की एक और खासियत इसका 100 प्रतिशत डोमेन अवेयरनेस है। यह सैटेलाइट और ड्रोन के माध्यम से सूचनाएं एकत्र करता है, जिससे कमांडरों को सटीक निर्णय लेने में मदद मिलती है। इसे जोधपुर में उतारा जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यह हेलीकॉप्टर टारगेटिंग, नेविगेशन और संचार में अत्यधिक सक्षम है, जो इसे निगरानी (सर्विलांस) और सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस (एससीएडी) जैसे अभियानों के लिए आदर्श बनाता है। एससीएडी ऑपरेशन में यह दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों और रडार को नष्ट करने में सबसे प्रभावी माना जाता है। ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा, विशेष रूप से राजस्थान, गुजरात और पंजाब जैसे क्षेत्रों में रक्षा और आक्रामक अभियानों के लिए तैनात किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं, जबकि 15 महीने पहले 6 और मिलने चाहिए थे। हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण इनकी डिलीवरी में देरी हुई। अब इन तीन हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां पहले से गठित स्क्वाड्रन को और मजबूती मिलेगी। इस हेलीकॉप्टर की तैनाती से न केवल भारत की रक्षा प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और सामरिक संतुलन को भी बढ़ावा देगा। बोइंग अपाचे की यह नई खेप भारतीय वायुसेना की ताकत में एक महत्वपूर्ण इजाफा है, जो देश की सुरक्षा को और भी अडिग बनाएगी।
वहीं सेवानिवृत्त विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने कहा कि मैं आपको समझाता हूं कि अपाचे हेलीकॉप्टरों के आने से हमारी सेनाएं मज़बूत होंगी। अपाचे एक हमलावर हेलीकॉप्टर है, और सामान्य हेलीकॉप्टरों के विपरीत इसकी विशेषता जमीनी खतरों जैसे टैंकों को हवा से सटीकता से निशाना बनाना है। अपाचे हेलीकॉप्टर एक अटैक हेलीकॉप्टर है। अटैक हेलीकॉप्टर की खासियत होती है कि वह ग्राउंड टारगेट के ऊपर खास तौर पर वो हवा से मार कर सकता है। हेलीकॉप्टर क्यों एयरक्राफ्ट क्यों नहीं क्योंकि एयरक्राफ्ट बहुत तेज चलते हैं। उनकी स्पीड बहुत होती है। हेलीकॉप्टर की स्पीड एयरक्राफ्ट से कम होती है। वह अपने अटैक करने के बाद शॉर्ट टर्म लेकर फिर से दोबारा से अपने दुश्मन पर अटैक कर सकता है। यह हेलीकॉप्टर की खासियत होती है। इस हेलीकॉप्टर के अंदर मिसाइल्स लगी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जब कोई सामरिक युद्ध चल रहा हो, तो अक्सर टैंकों को तुरंत रोकना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही दुश्मन के टैंक आगे बढ़ते हैं, वे पैदल सेना की टुकड़ियों को तबाह करना शुरू कर देते हैं। अब, अगर आप एंटी-टैंक गन से इन टैंकों को बेअसर नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको एक अतिरिक्त हथियार प्रणाली की जरूरत होगी और यहीं पर हमलावर हेलीकॉप्टर काम आते हैं।