क्या एपीडा का पटना कार्यालय बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में एक नया दौर लाएगा?

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क्या एपीडा का पटना कार्यालय बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था में एक नया दौर लाएगा?

सारांश

बिहार में एपीडा के नए कार्यालय की स्थापना कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगी, जिससे किसानों और निर्यातकों को बेहतर सहूलियतें मिलेंगी। क्या आप जानते हैं कि यह कार्यालय कैसे किसानों को वैश्विक बाजार में स्थान दिलाने में मदद करेगा?

Key Takeaways

  • एपीडा का पटना कार्यालय किसानों के लिए नए अवसरों का द्वार है।
  • उद्घाटन समारोह में मिथिला मखाना का निर्यात किया गया।
  • किसानों को मार्केट इंटेलिजेंस और तकनीकी मार्गदर्शन मिलेगा।
  • यह कार्यालय बिहार की कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  • उद्यमियों और निर्यातकों के लिए सीधी सहायता उपलब्ध होगी।

नई दिल्ली, सितंबर 12 (राष्ट्र प्रेस)। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के पटना कार्यालय की स्थापना बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक नए युग का सूत्रपात करेगी। इससे किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों को पंजीकरण, परामर्श सेवाएं, मार्केट इंटेलिजेंस, सर्टिफिकेशन में सहायता, निर्यात प्रक्रियाओं में सुगमता, बाजार सुगमता, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के अवसरों तक सीधी पहुंच प्राप्त होगी।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में बिहार को कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात के केंद्र में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पटना में आयोजित बिहार आइडिया फेस्टिवल में एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया।

मंत्रालय के अनुसार, अब तक, बिहार के निर्यातक वाराणसी स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय पर निर्भर थे। नया कार्यालय एफपीओ, एफपीसी और निर्यातकों को सीधी सहायता प्रदान करेगा, जिससे निर्यातकों के सवालों के जवाब में लगने वाला समय कम हो जाएगा।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि पटना में एपीडा क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन केवल एक प्रशासनिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह बिहार के किसानों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ इंटीग्रेट करने का एक मिशन है।

उन्होंने कहा, "हमारे किसान, उद्यमी और निर्यातक दुनिया को भोजन उपलब्ध कराने की क्षमता रखते हैं। उचित सहयोग से बिहार हाई-वैल्यू, सस्टेनेबल एग्री-एक्सपोर्ट में लीडर बन कर उभरेगा।"

मंत्रालय के अनुसार, उद्घाटन समारोह को ऐतिहासिक बनाते हुए जीआई-टैग युक्त मिथिला मखाना की 7 मीट्रिक टन की खेप को न्यूजीलैंड, कनाडा और अमेरिका के लिए रवाना किया गया। यह निर्यात बिहार के दरभंगा की नेहाशी की संस्थापक, एक महिला उद्यमी नेहा आर्या द्वारा किया गया।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पटना में एपीडा कार्यालय का उद्घाटन और अंतरराष्ट्रीय मखाना शिपमेंट का सफल शुभारंभ, बिहार के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। पटना स्थित एपीडा कार्यालय केवल एक नए भवन से कहीं अधिक पूरे बिहार के हजारों किसानों, कृषि उद्यमियों, महिला-प्रधान उद्यमों, एफपीओ, एफपीसी, स्टार्ट-अप्स और युवा निर्यातकों के लिए समृद्धि का द्वार है।

यह संस्थागत मजबूती, बाजार पहुंच और तकनीकी मार्गदर्शन को सीधे जमीनी स्तर तक पहुंचाता है।

एपीडा और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निरंतर सहयोग से, बिहार हाई-वैल्यू, सस्टेनेबल और समावेशी कृषि व्यापार के एक वाइब्रेंट हब के रूप में उभरने के लिए तैयार है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एपीडा का पटना कार्यालय बिहार के कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं है, बल्कि किसानों और निर्यातकों के लिए वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के अवसरों को विस्तारित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

एपीडा क्या है?
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) भारत में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है।
पटना में एपीडा कार्यालय की स्थापना से किसानों को क्या लाभ होगा?
किसानों को पंजीकरण, मार्केट इंटेलिजेंस, और निर्यात प्रक्रियाओं में सहायता मिलेगी, जिससे उनकी उत्पादकता और बाजार पहुंच में वृद्धि होगी।
क्या यह कार्यालय सिर्फ निर्यातकों के लिए है?
नहीं, यह कार्यालय किसानों और उत्पादकों के लिए भी उपलब्ध है, जो उन्हें बेहतर अवसरों से जोड़ने के लिए कार्य करेगा।
इस कार्यालय का उद्घाटन कब हुआ?
पटना में एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन 12 सितंबर को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा किया गया।
इस कार्यालय से बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह कार्यालय बिहार की कृषि अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजार में एक नई पहचान दिलाने में मदद करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।