क्या अकील अख्तर मर्डर केस में पंजाब की पूर्व मंत्री और पूर्व डीजीपी के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की?
सारांश
Key Takeaways
- अकील अख्तर की संदिग्ध मौत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है।
- चार लोग मामले में आरोपी बनाए गए हैं।
- मामले में राजनीतिक और परिवारिक तनाव का योगदान है।
- सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से मामला और जटिल हुआ।
- सीबीआई अब सभी पहलुओं की जांच करने जा रही है।
चंडीगढ़, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सीबीआई ने महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है। इस एफआईआर में चार आरोपियों का नाम है, जिनमें अकील के पिता, मां, पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजिया सुल्ताना, अकील की पत्नी और बहन शामिल हैं।
अकील अख्तर की मौत 16 अक्टूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। वह पंचकूला के सेक्टर-4 स्थित अपने निवास में रहते थे। परिवार में लंबे समय से तनाव का माहौल था। यह जानकारी मिली है कि अकील और उनके परिजनों के बीच कई मुद्दों को लेकर गंभीर मतभेद थे।
मामला तब और बढ़ा जब 27 अगस्त को अकील का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में अकील ने कहा था कि उन्होंने अपने पिता और पत्नी के बीच संबंधों को पकड़ लिया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उनका पूरा परिवार (जिसमें उनकी मां और बहन भी शामिल हैं) उन्हें मारने या किसी झूठे मामले में फंसाने की साजिश
अकील की मौत के बाद 20 अक्टूबर को पंचकूला के मांसा देवी कॉम्प्लेक्स थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद हरियाणा सरकार ने जांच की जटिलता को देखते हुए मामला सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया।
अब सीबीआई ने इस मामले में औपचारिक रूप से एफआईआर दर्ज कर ली है और कहा है कि सभी दस्तावेजों, डिजिटल साक्ष्यों, वायरल वीडियो और परिवार के सदस्यों की भूमिका का गहराई से विश्लेषण किया जाएगा।
यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन चुका है, क्योंकि आरोप उच्च प्रोफाइल व्यक्तियों सहित परिवार के अन्य सदस्यों पर भी लगे हैं। सीबीआई अब घटनाक्रम की संपूर्ण सच्चाई को उजागर करने के लिए सभी पहलुओं की जांच करने जा रही है।