क्या आरा विधानसभा सीट पर कमल फिर से खिलेगा या लेफ्ट की होगी जीत?
सारांश
Key Takeaways
- आरा सीट पर भाजपा ने नया उम्मीदवार उतारा है।
- सीपीआई (एमएल) ने भी अपने पुराने उम्मीदवार को फिर से मैदान में उतारा है।
- इस सीट की जनसंख्या 573,472 है।
- आरा धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- पिछले चुनावों में एनडीए की स्थिति मजबूत रही है।
पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की आरा विधानसभा सीट उन खास सीटों में से एक है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर नए उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने वर्तमान विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह का टिकट काटकर संजय सिंह टाइगर को उम्मीदवार बनाया है।
विधानसभा चुनाव 2020 में अमरेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, जब उन्होंने सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार कयामुद्दीन अंसारी को मात्र 3,002 वोटों के छोटे अंतर से हराया था। हालांकि, इस बार पार्टी ने उन पर भरोसा नहीं जताया है। दूसरी ओर, 2025 के चुनावी रण में सीपीआई (एमएल) ने फिर से कयामुद्दीन अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस सीट की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर गौर करें तो भाजपा ने 2020 में जीत हासिल की थी। इस चुनाव में नीतीश कुमार के साथ मिलकर भाजपा ने चुनाव लड़ा था। हालांकि, यह मुकाबला कड़ा था। कभी भाजपा के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई तो कभी सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार ने। 2015 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और इस सीट पर राजद के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। भाजपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन जीत और हार का फासला 1,000 वोटों से कम था।
2010 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे, और भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की। 2005 में भी भाजपा ने जीत दर्ज की।
पिछले चार चुनावों के आंकड़ों पर ध्यान दें तो इस सीट पर एनडीए के उम्मीदवार ने तीन बार जीत हासिल की है। इस बार भी एनडीए को उम्मीद है कि वह इस सीट को पुनः हासिल करने में सफल होगा।
इस विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 573,472 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 305,776 और महिलाओं की संख्या 267,696 है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुल मतदाता 334,622 हैं, जिनमें पुरुष 180,180, महिलाएं 154,438 और थर्ड जेंडर के 4 मतदाता हैं।
पटना से 50 किलोमीटर की दूरी पर गंगा-सोन के किनारे बसा यह शहर जैन, हिंदू और इस्लामी विरासत का संगम है। आरा धार्मिक शांति और इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श वीकेंड गेटअवे है। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं, जहां भक्त हर साल आते हैं।
इतिहासकारों के अनुसार, राजनीतिक दृष्टिकोण से इस सीट की महत्वता बहुत अधिक है। यदि आप बिहार को नजदीक से समझना चाहते हैं तो आरा विधानसभा की सीट एक उपयुक्त जगह साबित हो सकती है।