क्या एसआईआर से चुनावी प्रक्रिया होगी दुरुस्त और हमारा लोकतंत्र होगा मजबूत?: असीम अरुण
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर से चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।
- जाति जनगणना और मतदाता सूची अलग प्रक्रियाएँ हैं।
- मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव स्वागत योग्य है।
- बिहार में एनडीए की जीत की संभावना है।
- चुनाव आयोग के सुधारों से फर्जी मतदान की संभावना कम होगी।
लखनऊ, ४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण ने जाति जनगणना और एसआईआर के संदर्भ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिहार चुनाव में एनडीए की जीत का दावा भी किया।
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि जाति जनगणना और मतदाता सूची की प्रक्रिया पूरी तरह से अलग हैं। इस स्थिति में, दोनों को एक साथ मिलाना कानूनी दृष्टि से संभव नहीं है।
उन्होंने एसआईआर के मुद्दे पर चुनाव आयोग की सराहना की और कहा कि इससे हमारे लोकतंत्र की मजबूती में सहायता मिलेगी। इससे गलतियों और फर्जी मतदान की संभावनाएं कम होंगी। उन्होंने मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने के प्रस्ताव का भी समर्थन किया।
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और पूरे देश को एसआईआर की आवश्यकता थी। हर चुनाव में कई मतदाताओं के नाम गायब हो जाते हैं, और कई मृत व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट में होते हैं। आयोग ने पिछले दस वर्षों में चुनाव प्रक्रिया में सुधार किया है।
उन्होंने आगे कहा कि वोटर लिस्ट की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता थी, इसके लिए आयोग का धन्यवाद। इससे लोकतंत्र में सुधार होगा और फर्जी वोटिंग पर रोक लगेगी।
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए को जीत की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में सुधार, कानून व्यवस्था में बढ़ोतरी और भर्ती परीक्षाओं की सफलता ने यह सुनिश्चित किया है कि माफिया राज के द्वारा छोड़ी गई समस्याएं अब समाप्त हो चुकी हैं। आज उत्तर प्रदेश की तरह बिहार भी प्रगति की ओर अग्रसर है।