क्या आवाज ने बनाई पहचान? जानें आशा भोसले ने कैसे बदला बॉलीवुड संगीत का ट्रेंड

सारांश
Key Takeaways
- आशा भोसले ने लगभग 12,000 गाने गाए हैं।
- वे 20 से अधिक भाषाओं में गाने गाती हैं।
- उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
- उन्होंने फिल्मफेयर पुरस्कार 7 बार जीते हैं।
- उनके गाने आज भी लोगों को छू जाते हैं।
मुंबई, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आशा भोसले का नाम सुनते ही भारतीय संगीत प्रेमियों के दिल में उनकी मधुर आवाज की मिठास बस जाती है। उन्होंने न केवल बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई, बल्कि 20 से अधिक भाषाओं में गाने गाकर एक अद्वितीय रिकॉर्ड भी स्थापित किया। उनकी आवाज ने संगीत प्रेमियों को दशकों तक मंत्रमुग्ध किया।
उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। आशा ने कुल मिलाकर लगभग 12,000 गाने रिकॉर्ड किए हैं, जो किसी भी भारतीय कलाकार के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र में हुआ। वे एक संगीत परिवार से संबंधित हैं। उनके पिता, स्वरसम्राट दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रसिद्ध गायक थे। उन्होंने बचपन से ही गायकी का अभ्यास करना शुरू कर दिया था। उनकी बड़ी बहन, लता मंगेशकर, भी एक प्रसिद्ध गायिका थीं, लेकिन आशा ने अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश की। उन्होंने कभी भी अपनी आवाज को दूसरों से प्रभावित नहीं होने दिया और लगातार मेहनत करती रहीं।
उनका करियर शुरुआत में आसान नहीं था। पहले के दिनों में वे अपनी बहन लता मंगेशकर की छाया में रहीं। आशा ने अपनी आवाज में बदलाव किया और विभिन्न संगीत शैलियों को सीखना शुरू किया। वे बॉलीवुड के साथ-साथ फिल्मी संगीत के कई रूपों में भी माहिर हो गईं। गजल, कब्बाली, वेस्टर्न गाने, और पारंपरिक हिंदी गीतों में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। यही कारण है कि वे इतने वर्षों तक इंडस्ट्री में सक्रिय और लोकप्रिय बनी रहीं।
आशा भोसले ने हिंदी के अलावा कई अन्य भाषाओं जैसे मराठी, बंगाली, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, मलयालम, उर्दू, गुजराती और कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उनकी इस बहुभाषीय प्रतिभा ने उन्हें हर क्षेत्र में सफलता दिलाई। उन्होंने हिट गानों की लिस्ट में 'इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं', 'पिया तू अब तो आजा', 'दम मारो दम', 'चुरा लिया है तुमने जो दिल को', 'झुमका गिरा रे', 'ये मेरा दिल', 'राधा कैसे ना जले', 'दिल चीज क्या है', 'आ जा आ जा मैं हूं प्यार तेरा', 'कहीं आग लगे लग जाए', 'रात अकेली है', 'ओ मेरे सोना रे' सहित कई गाने गाए हैं।
12,000 से अधिक गानों के साथ उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया, जो साबित करता है कि उन्होंने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
उनकी आवाज का जादू हर गीत में बिखरता है। चाहे बात "मुझे रंग दे," "जरा सा झूम लूं मैं," और "शहरी बाबू दिल ले गया" की हो, या फिर "रात का समां," "ओ हसीना जुल्फों वाली," और "शरारा" गाने की हो... उनके गाने कई बार फिल्म की सफलता का कारण बने। आज भी कई हिट गाने उनके नाम हैं जो लोगों के दिलों को छू जाते हैं।
1979 में, आशा भोसले ने फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायक पुरस्कार जीता। उन्हें इस पुरस्कार के लिए कुल 18 बार नामांकित किया गया, जिसमें उन्होंने 7 बार जीत हासिल की। उनकी मेहनत और योगदान के लिए 2001 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण जैसे बड़े पुरस्कार से नवाजा है, जो देश के सबसे बड़े सम्मान में से एक है। उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला, जो भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है।