क्या अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेद का ब्रह्मास्त्र है?

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क्या अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेद का ब्रह्मास्त्र है?

सारांश

अश्वगंधारिष्ट, जो कि आयुर्वेद का एक अनमोल टॉनिक है, मानसिक, शारीरिक और यौन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे आयुर्वेद का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है। जानें इसके अद्भुत लाभ और सेवन विधि।

Key Takeaways

  • अश्वगंधारिष्ट मानसिक तनाव और थकान को कम करता है।
  • यह शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है।
  • पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारता है।
  • बुजुर्गों में स्मृति और स्नायु शक्ति बढ़ाता है।
  • इसका सेवन सरल और प्रभावी है।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेद का एक अद्भुत टॉनिक है, जिसे मानसिक, शारीरिक और यौन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसे आयुर्वेद का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है क्योंकि यह थकान, कमजोरी, मानसिक तनाव, अनिद्रा, स्नायु रोग और पुरुषों में वीर्य की कमी जैसी समस्याओं में सहायक है।

यह केवल एक औषधि नहीं है, बल्कि शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करने वाला एक ओजवर्धक और बलवर्धक रसायन है।

इसके नाम से ही इसके गुण स्पष्ट होते हैं। अश्वगंधा यानी वह औषधि जो घोड़े जैसी ताकत देती है। आयुर्वेदिक दृष्टि से यह वात और कफ को संतुलित करती है, अग्नि को प्रबल बनाती है और मांसपेशियों तथा स्नायु शक्ति को बढ़ावा देती है। इसका नियमित सेवन मानसिक तनाव कम करता है, अवसाद और अनिद्रा में राहत देता है, मसल्स को मजबूत बनाता है और शरीर की थकावट को दूर करता है।

पुरुषों में यह प्रजनन स्वास्थ्य को सुधारने और शुक्राणु दोषों को दूर करने में भी लाभकारी है। वृद्धों में यह स्मृति और स्नायु शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है, जबकि दुबले-पतले शरीर वालों के लिए वजन बढ़ाने में सहायक है।

अश्वगंधारिष्ट का निर्माण अश्वगंधा, मंजिष्ठा, हरड़, बहेड़ा, आंवला, अर्जुन छाल, वचा, शंखपुष्पी, यष्टिमधु, इलायची, लौंग, तेजपत्ता, गुड़ और धातकी पुष्प जैसी जड़ी-बूटियों से होता है। इसे घर पर बनाने के लिए सभी सूखे घटकों को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार किया जाता है, फिर उसमें गुड़ और धातकी पुष्प मिलाकर 30 दिनों तक ढक्कन बंद रखकर किण्वित किया जाता है। तैयार अश्वगंधारिष्ट 6 महीने तक सुरक्षित रहता है।

सेवन की विधि सरल है। 15 से 25 मिली मात्रा में पानी मिलाकर भोजन के बाद दिन में दो बार लें। शुद्ध घी, दूध और पौष्टिक भोजन के साथ इसका सेवन अधिक प्रभावी होता है। महिलाओं के लिए यह मानसिक तनाव और थकान कम करने में मदद करता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं इसे केवल चिकित्सक की सलाह पर लें।

अश्वगंधारिष्ट केवल औषधि नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शरीर को मजबूत, मस्तिष्क को शांत और संपूर्ण स्वास्थ्य को सशक्त बनाता है। चाहे थकावट, कमजोरी या मानसिक चिंता हो, यह आयुर्वेदिक रसायन हमेशा मददगार साबित होता है।

Point of View

जो न केवल तात्कालिक थकान और कमजोरी को दूर करता है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है और इसे अपनाने से व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

अश्वगंधारिष्ट के क्या लाभ हैं?
अश्वगंधारिष्ट मानसिक तनाव, थकान, कमजोरी और यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है।
किसे अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना चाहिए?
पुरुषों, महिलाओं और वृद्धों को इसका सेवन करना चाहिए, लेकिन गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
अश्वगंधारिष्ट कैसे बनाया जाता है?
यह अश्वगंधा, मंजिष्ठा, हरड़ आदि जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है।
अश्वगंधारिष्ट का सेवन कैसे करें?
15 से 25 मिली मात्रा में पानी के साथ भोजन के बाद दिन में दो बार लेना चाहिए।
क्या अश्वगंधारिष्ट सुरक्षित है?
हां, इसे सही मात्रा में लेने पर यह सुरक्षित है।