क्या कैबिनेट ने कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन को 4-लेन में बदलने के लिए 6,957 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी?

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क्या कैबिनेट ने कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन को 4-लेन में बदलने के लिए 6,957 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी?

सारांश

असम में कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन को चौड़ा करने की योजना से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और वन्यजीव संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम होगा। जानें इस परियोजना के लाभ और चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन का चौड़ीकरण
  • 6,957 करोड़ रुपए की लागत
  • 15.42 लाख प्रत्यक्ष रोजगार
  • वन्यजीव सुरक्षा के उपाय
  • नवीनतम कनेक्टिविटी सुधार

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को असम में एनएच-715 के कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन के मौजूदा सड़क मार्ग को चार लेन में चौड़ा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस परियोजना में काजीरंगा नेशनल पार्क (केएनपी) क्षेत्र में वन्यजीवों के अनुकूल उपायों को लागू करने का भी प्रावधान है।

कैबिनेट के बयान के अनुसार, 85.675 किलोमीटर लंबी इस परियोजना को 6,957 करोड़ रुपए की लागत से इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड में विकसित किया जाएगा।

इस परियोजना के तहत लगभग 15.42 लाख व्यक्ति/प्रतिदिन का प्रत्यक्ष और 19.19 लाख व्यक्ति/प्रतिदिन का अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। साथ ही, इससे आस-पास के क्षेत्रों में विकास और समृद्धि के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

एनएच-715 का मौजूदा कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन दो लेन का है, जिसमें कुछ स्थानों पर पक्के किनारे हैं। यह जाखलाबंधा (नागांव) और बोकाखात (गोलगाट) शहरों के घने बसे इलाकों से गुजरता है।

मौजूदा राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा काजीरंगा नेशनल पार्क से या पार्क की दक्षिणी सीमा के साथ-साथ गुजरता है, जिसका रिस्ट्रिक्टेड राइट-ऑफ-वे 16 से 32 मीटर का है, जो खराब सड़क की स्थिति के कारण और भी कठिन हो जाता है।

मानसून के दौरान पार्क के अंदर का क्षेत्र बाढ़ में डूब जाता है, जिससे वन्यजीव मौजूदा राजमार्ग को पार कर कार्बी-आंगलोंग पहाड़ियों की ओर जाते हैं।

राजमार्ग पर दिन-रात भारी यातायात के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं और जंगली जानवरों की मौत हो जाती है।

इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, इस परियोजना में वन्यजीवों के आवागमन के लिए काजीरंगा नेशनल पार्क से कार्बी-अंगलोंग पहाड़ियों तक लगभग 34.5 किलोमीटर का एक ऊंचा मार्ग बनाया जाएगा।

साथ ही, 30.22 किलोमीटर मौजूदा सड़क का अपग्रेडेशन और जाखलाबंधा और बोकाखात के आसपास 21 किलोमीटर ग्रीनफील्ड बाईपास का निर्माण किया जाएगा।

इससे मौजूदा कॉरिडोर में ट्रैफिक कम होगा, सुरक्षा में सुधार होगा और गुवाहाटी, काजीरंगा नेशनल पार्क (पर्यटन स्थल) और नुमालीगढ़ (औद्योगिक शहर) के बीच सीधी कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

यह परियोजना दो मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच-127, एनएच-129) और एक राज्य राजमार्ग (एसएच-35) से जुड़ती है, जिससे असम में प्रमुख आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक्स केंद्रों तक आसान कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

इसके अलावा, अपग्रेड किए गए कॉरिडोर से तीन रेलवे स्टेशनों (नागांव, जखलाबंधा, विश्वनाथ चारली) और तीन हवाई अड्डों (तेजपुर, लियाबारी, जोरहाट) से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे इस क्षेत्र में यात्रियों की आवाजाही में वृद्धि होगी।

यह परियोजना पूरी होने पर कलियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, प्रमुख पर्यटन, औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, काजीरंगा नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देगी और व्यापार तथा औद्योगिक विकास के लिए नए रास्ते खोलेगी।

Point of View

बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। देश के विकास के लिए ऐसे प्रयास आवश्यक हैं, जो पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को संतुलित रखें।
NationPress
01/10/2025

Frequently Asked Questions

इस परियोजना की लागत क्या है?
इस परियोजना की लागत 6,957 करोड़ रुपए है।
यह परियोजना कब शुरू होगी?
परियोजना की शुरुआत के समय की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
क्या यह परियोजना रोजगार सृजन करेगी?
हाँ, इस परियोजना से लगभग 15.42 लाख प्रत्यक्ष और 19.19 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।