क्या असम राइफल्स ने मणिपुर में 30 एकड़ अफीम की खेती उजाड़ दी?
सारांश
Key Takeaways
- असम राइफल्स ने 30 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया।
- यह अभियान मणिपुर में नशीले पदार्थों के कारोबार के खिलाफ है।
- सुरक्षा बलों ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई।
- स्थानीय लोगों की खुफिया जानकारी से कार्रवाई में मदद मिली।
- केंद्र सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है।
इंफाल, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के कांगपोकपी जिले में असम राइफल्स ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और मणिपुर पुलिस के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण मादक पदार्थ विरोधी अभियान का संचालन किया।
इस कार्रवाई में सोंगलुंग, ओल्ड सोंगलुंग और लहंगजोल गांवों के चारों ओर के जंगली क्षेत्रों में छिपी हुई अफीम की खेती का पता लगाया गया। कुल 30 एकड़ जमीन पर फैले तीन अलग-अलग खेतों में उगाई जा रही अफीम की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। अनुमान के अनुसार, इन खेतों से लगभग 270 किलोग्राम अफीम प्राप्त होने की संभावना थी, जिसकी बाजार मूल्य करोड़ों रुपए में आंकी जा रही है।
यह अभियान सुबह से शुरू होकर शाम तक चला। सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने कठिन पहाड़ी और घने जंगल वाले इलाके में पैदल मार्च किया। मौसम खराब था और बारिश के कारण रास्ते कीचड़ भरे थे। लेकिन, टीम ने हार नहीं मानी। खेतों तक पहुंचते ही अफीम के पौधों को जड़ से उखाड़ा गया और मौके पर ही जला दिया गया। इससे इलाके में नशीली दवाओं की सप्लाई चेन पर एक बड़ा झटका लगा।
असम राइफल्स के अधिकारियों ने बताया कि यह फसल अवैध रूप से उगाई जा रही थी और इससे निकला माल म्यांमार सीमा के रास्ते बाहर भेजा जाना था।
यह अभियान मणिपुर में बढ़ते नशीले पदार्थों के कारोबार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कांगपोकपी जिला पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जहां अफीम की खेती गुप्त रूप से होती रही है।
स्थानीय लोग डर के कारण शिकायत नहीं करते, लेकिन सुरक्षा बलों की खुफिया जानकारी ने इस बार सफलता दिलाई। सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस की मदद से असम राइफल्स ने न केवल फसल नष्ट की, बल्कि आसपास के इलाकों में भी तलाशी ली ताकि कोई अन्य खेत छूट न जाए।
असम राइफल्स ने इसे क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की खेती और उत्पादन के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा बताया। पिछले कुछ महीनों में राज्य में ऐसी कई कार्रवाइयां हुई हैं, जिनमें हेरोइन, अफीम और अन्य नशीले पदार्थ जब्त किए गए।
मणिपुर म्यांमार के गोल्डन ट्रायंगल के निकट होने के कारण ड्रग तस्करी का एक बड़ा रूट बना हुआ है। केंद्र सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा बलों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।