क्या ऑस्ट्रेलिया-भारत खनन साझेदारी के लिए फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन महत्वपूर्ण होगा?

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क्या ऑस्ट्रेलिया-भारत खनन साझेदारी के लिए फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन महत्वपूर्ण होगा?

सारांश

ऑस्ट्रेलिया का पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन भारत में २६ अक्टूबर से ३ नवंबर तक चलेगा। यह मिशन न केवल ऑस्ट्रेलियाई प्रथम राष्ट्र कंपनियों को भारत के खनन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में अवसर प्रदान करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगा।

Key Takeaways

  • ऑस्ट्रेलिया का फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन भारत में व्यापार के नए अवसर प्रदान करेगा।
  • प्रथम राष्ट्र कंपनियों की भागीदारी सतत विकास को प्रोत्साहित करेगी।
  • मिशन का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है।
  • यह मिशन २६ अक्टूबर से ३ नवंबर तक चलेगा।
  • ऑस्ट्रेलियाई सरकार का समर्थन इस मिशन को सशक्त करेगा।

नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया इस महीने भारत में अपना पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन आरंभ करने जा रहा है, जो २६ अक्टूबर से ३ नवंबर तक चलेगा।

इस मिशन का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के प्रथम राष्ट्र लोगों (आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट द्वीपवासी) और भारत के खनन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना है। यह मिशन पर्थ यूएसएशिया सेंटर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई सरकार का पूरा समर्थन है।

इस मिशन में आठ ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां शामिल हैं, जो खनन उपकरण, प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र से संबंधित हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये सभी कंपनियां ऑस्ट्रेलियाई प्रथम राष्ट्र समुदायों के स्वामित्व में हैं। ये कंपनियां २६ अक्टूबर से मुंबई, नई दिल्ली और कोलकाता का दौरा करेंगी, ताकि दोनों देशों के बीच साझेदारी के नए अवसर उत्पन्न हो सकें। प्रथम-राष्ट्र लोग विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक हैं, जिनका इतिहास ६५,००० साल से भी अधिक पुराना है। वे ऑस्ट्रेलिया के पहले राजनयिक, व्यापारी और इनोवेटर रहे हैं और इस मिशन में सम्मिलित कंपनियां उनकी इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।

ये कंपनियां कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखती हैं, जैसे कि डीजल खनन वाहन को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करना, ईंधन दक्षता बढ़ाने के लिए रसायन बनाना, सुरक्षा समाधान, औद्योगिक गैस, इंजीनियरिंग और तकनीकी सेवाएं। भारत में ये कंपनियां अपनी तकनीक और नवाचार को प्रस्तुत करेंगी, विशेषकर खनन और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में। मिशन के दौरान प्रतिनिधिमंडल मुंबई (२६-२८ अक्टूबर), नई दिल्ली (२८-३० अक्टूबर), और कोलकाता (३० अक्टूबर-२ नवंबर) का दौरा करेगा। कोलकाता में वे अंतरराष्ट्रीय खनन, उपकरण और खनिज प्रदर्शनी में भाग लेंगे, जहाँ अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित करेंगे।

भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने इस मिशन पर कहा, "हम स्वदेशी अधिकारों को बढ़ावा देने और प्रथम राष्ट्र व्यापार को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ऑस्ट्रेलियाई प्रथम राष्ट्र उद्यमियों के लिए बड़े अवसर प्रदान करती है, चाहे वह खनन समाधान हो, स्वच्छ ऊर्जा हो, या कला और डिजाइन का निर्यात।"

उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस मिशन का समर्थन कर रही है, जो प्रथम-राष्ट्र उत्कृष्टता को भारत के उभरते व्यवसायों से जोड़ने का काम करेगा। यह मिशन दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रथम-राष्ट्र कंपनियों की भागीदारी न केवल व्यापार को बढ़ाएगी, बल्कि सतत विकास और नवाचार को भी प्रोत्साहित करेगी।

Point of View

बल्कि सतत विकास और नवाचार की दिशा में भी एक नई राह खोलेगी।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन का उद्देश्य क्या है?
इस मिशन का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के प्रथम राष्ट्र लोगों और भारत के खनन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाना है।
यह मिशन कब तक चलेगा?
यह मिशन २६ अक्टूबर से ३ नवंबर तक चलेगा।
इस मिशन में कितनी कंपनियां भाग ले रही हैं?
इस मिशन में आठ ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां भाग ले रही हैं।
ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने इस मिशन पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि हम स्वदेशी अधिकारों को बढ़ावा देने और पहले राष्ट्र व्यापार को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मिशन का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह मिशन ऑस्ट्रेलियाई प्रथम राष्ट्र उद्यमियों के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगा और भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लाभान्वित करेगा।