क्या ऑटो सेक्टर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा?

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क्या ऑटो सेक्टर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा?

सारांश

भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह क्षेत्र ना सिर्फ जीडीपी में योगदान कर रहा है, बल्कि रोजगार और निर्यात में भी वृद्धि कर रहा है। जानिए कैसे ये क्षेत्र देश की आर्थिक प्रगति को प्रभावित कर रहा है।

Key Takeaways

  • ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
  • यह 3.7 करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करता है।
  • सरकार की पीएलआई योजना से निवेश में वृद्धि हो रही है।
  • भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में भी तेजी से बढ़ रहा है।
  • निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।

नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने के करीब पहुंचता जा रहा है, ऑटोमोबाइल सेक्टर देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7.1 प्रतिशत और विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 49 प्रतिशत का योगदान देकर विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभर रहा है।

यह सेक्टर देश में 3.7 करोड़ से अधिक नौकरियों के अवसर प्रदान करता है और भारत के कुल निर्यात में लगभग 8 प्रतिशत का योगदान करता है।

ऑटो सेक्टर अब केवल एक वाणिज्यिक उद्योग नहीं रह गया है, बल्कि इसे वैश्विक विनिर्माण और इननोवेशन में भारत की बढ़ती ताकत के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

वित्त वर्ष 2024-25 तक, भारत बिक्री के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार और उत्पादन के मामले में चौथा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।

देश की ऑटोमोबाइल उद्योग ने विभिन्न सेगमेंट्स में 31 मिलियन से अधिक वाहनों का उत्पादन किया, जिसमें 5 मिलियन से ज्यादा यात्री कारें, 1 मिलियन वाणिज्यिक वाहन, 1 मिलियन तिपहिया वाहन और लगभग 24 मिलियन दोपहिया वाहन शामिल हैं।

निर्यात के संदर्भ में, भारत ने जापान, मैक्सिको, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे बाजारों में लगभग 5.7 मिलियन वाहनों का निर्यात किया है।

सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर की वृद्धि दर को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है।

इन योजनाओं में से एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम है, जिसका बजट 25,938 करोड़ रुपए है। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), हाइड्रोजन वाहनों, और एडवांस व्हीकल टेक्नोलॉजीज को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती है।

2025 की शुरुआत तक, इस योजना ने 67,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों को आकर्षित किया।

इससे 2.3 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिक्री और 7.5 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

एक अन्य प्रमुख पहल फेम-II योजना है, जिसे 11,500 करोड़ रुपए के बजट के साथ लॉन्च किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया, बसों और टैक्सियों को अपनाने को समर्थन देना है। इस योजना के तहत 1.3 मिलियन से अधिक ईवी को पहले ही समर्थन दिया जा चुका है।

आयातित बैटरियों पर निर्भरता कम करने के लिए, सरकार ने 18,100 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए एक पीएलआई योजना भी शुरू की है।

इस योजना के तहत तीन कंपनियां पहले से ही बैटरी गीगाफैक्ट्री बनाने पर कार्यरत हैं। यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि बैटरी ईवी की कुल लागत का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाती हैं।

Point of View

बल्कि यह देश की वैश्विक छवि को भी मजबूत कर रहा है। हमें इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक उपायों को अपनाना चाहिए ताकि हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत के ऑटो सेक्टर का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान कितना है?
भारत के ऑटो सेक्टर का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान लगभग 7.1 प्रतिशत है।
सरकार की प्रमुख योजनाएं कौन सी हैं?
सरकार की प्रमुख योजनाओं में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) और फेम-II योजना शामिल हैं।
ऑटो सेक्टर में कितनी नौकरियां सृजित होती हैं?
ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.7 करोड़ से अधिक नौकरियों के अवसर सृजित होते हैं।
भारत में कितने वाहनों का उत्पादन होता है?
भारत में 31 मिलियन से अधिक वाहनों का उत्पादन होता है।
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात कितना है?
भारत ने लगभग 5.7 मिलियन वाहनों का निर्यात किया है।