क्या अयोध्या में मुसलमानों ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया? इकबाल अंसारी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या में विकास और भाईचारा बढ़ रहा है।
- मुसलमानों ने कोर्ट के फैसले का सम्मान किया।
- अयोध्या में शांति का माहौल है।
- सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
अयोध्या, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज (शनिवार) को अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की बरसी है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर रखा गया है। इस बीच, पूर्व याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने कहा कि जब तक मामला न्यायालय में था, तब तक लोग 6 दिसंबर को विभिन्न कार्यक्रम करते थे, लेकिन अब जब न्यायालय का फैसला आ चुका है, मुसलमानों ने इस फैसले का सम्मान किया।
इकबाल अंसारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, 'आज अयोध्या में मंदिर बन चुका है। यहाँ विकास हो रहा है, और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। अब अयोध्या में एक एयरपोर्ट, एक रेलवे स्टेशन, एक बस स्टेशन, अच्छी सड़कें, तालाब और पार्क मौजूद हैं। यहाँ भाईचारा कायम है।'
उन्होंने आगे कहा, '2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का देशभर के मुसलमानों ने सम्मान किया। आज अयोध्या में शांति है। हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई विवाद नहीं है। कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा है और न ही कोई अशांति है।'
फिर भी, 6 दिसंबर, 1992 को हुए विध्वंस की बरसी को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने अयोध्या और मथुरा को हाई अलर्ट पर रखा है। पुलिस बलों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर और शाही ईदगाह मस्जिद के चारों ओर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, जहां बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
पूरे क्षेत्र की व्यवस्थित निगरानी के लिए इसे दो जोन, चार सुपर जोन और आठ सेक्टरों में विभाजित किया गया है। अधिकारी सीसीटीवी नेटवर्क और ड्रोन कैमरों का उपयोग कर क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं। अयोध्या में भी इसी तरह के कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं।