क्या अयोध्या में रक्षा मंत्री और सीएम योगी ने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हनुमानगढ़ी में पूजा करना।
- श्री रामलला के मंदिर में हाजिरी और आरती।
- देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना।
- धर्मध्वजा का आरोहण और भक्ति का माहौल।
अयोध्या, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को हनुमानगढ़ी जाकर संकट मोचन हनुमान के दर्शन-पूजन किए। हनुमानगढ़ी से बाहर निकलने के बाद, रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे।
यहां प्रभु श्रीरामलला मंदिर एवं राम दरबार में हाजिरी लगाई, विधिवत आरती उतारी और मंदिर की परिक्रमा की। सीएम और रक्षा मंत्री ने देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार सुबह अयोध्या पहुंचे। यहां महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद, वे हनुमानगढ़ी पहुंचे और संकट मोचन के चरणों में शीश झुकाया। यहां से वे सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे।
यहां प्रभु श्रीरामलला के दरबार में हाजिरी लगाकर राम दरबार में भी दर्शन-पूजन किया और देश-प्रदेश की उन्नति तथा जनकल्याण के लिए प्रार्थना की।
रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने श्रीराम की जय और मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजन कर मां अन्नपूर्णा मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा का आरोहण किया।
दर्शन-पूजन के उपरांत, जब रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मंदिर से बाहर निकले, तो श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया और बच्चों को स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया। पूरे परिसर में भक्ति और उत्साह का वातावरण बना रहा।
इससे पहले, सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारत की चेतना के उत्कर्ष की साक्षी बन रही श्री अयोध्या नगरी में आज प्रभु श्री रामलला के नूतन विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा की द्वितीय वर्षगांठ का पावन दिन है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला का विराजमान होना प्रतीक है कि सदियों के संघर्ष को समाप्ति मिली और वेदना को विराम मिला। हमारी तीन पीढ़ियों की साधना और संघर्ष, पूज्य साधु-संत गण के आशीर्वाद और 140 करोड़ देशवासियों के विश्वास की परिणति है कि आज हम इस पावन पल के साक्षी बन रहे हैं। आज प्रत्येक रामभक्त के हृदय में संतोष है।"