क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्तान? आजम खां से मुलाकात पर अखिलेश यादव का बयान

सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव का आजम खां के प्रति समर्थन स्पष्ट है।
- भाजपा पर झूठे मुकदमों का आरोप लगाया गया।
- 2027 के चुनावों में पीडीए की आवाज बुलंद हो रही है।
रामपुर, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को वरिष्ठ नेता आजम खां से महत्वपूर्ण मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आजम खां पार्टी की धड़कन हैं।
सपा के मुखिया अखिलेश यादव बुधवार को लगभग 23 महीने बाद जेल से लौटे आजम खां के आवास पर मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि आजम खां को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आजम खां के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ''क्या कहें भला उस मुलाकात की दास्तान, जहां सिर्फ जज़्बातों ने खामोशी से बात की।''
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आजम खां पार्टी की धड़कन हैं और भाजपा ने उनके परिवार पर इतने मुकदमे ठोक दिए हैं कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए। इस सरकार में पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वर्ग खुद को अपमानित महसूस कर रहा है। आजम खां पुराने नेता हैं, दरख्त हैं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आजम खां के परिवार पर सबसे ज्यादा झूठे मुकदमे लगे हैं, जिनमें उनके बेटे और पत्नी भी शामिल हैं।
अखिलेश यादव ने भविष्यवाणी की है कि 2027 में उनकी सरकार बनेगी और पीडीए की आवाज बुलंद होती जा रही है।
एक दिन पहले आजम खां ने कहा था कि वे केवल अखिलेश यादव से ही मिलेंगे। अखिलेश के पहुंचते ही विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पुलिस ने मीडियाकर्मियों को आजम खां के आवास के बाहर रोक दिया। जैसे ही अखिलेश यादव का काफिला जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा, सपा कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला। नारेबाजी का दौर जारी रहा।
अखिलेश यादव के दौरे को लेकर प्रशासन ने मंगलवार से ही तैयारी कर रखी थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे थे, जबकि खुफिया विभाग ने भी इलाके में निगरानी बढ़ा दी थी।