क्या आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा?

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क्या आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा?

सारांश

आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने भड़काऊ भाषण मामले की सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी। यह मामला उनके लिए कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है। जानें इसके पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका खारिज की।
  • कई मामलों का संयुक्त ट्रायल होगा।
  • आजम खान को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान को एक महत्वपूर्ण झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। आजम खान ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश में चल रहे 2007 के भड़काऊ भाषण मामले की सुनवाई को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी।

सपा नेता आजम खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में यह तर्क देते हुए सबूतों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। वकील ने कहा कि कथित भड़काऊ भाषण की फाइल वीडियो क्लिप के रूप में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन बाद में उसे ऑडियो फाइल में बदलकर छेड़छाड़ की गई।

इससे पहले, अदालत ने आजम खान के खिलाफ चल रहे 27 मामलों के एक साथ ट्रायल को मंजूरी दी थी। आजम खान ने सेशन कोर्ट में रिवीजन एप्लीकेशन दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। इन 27 मुकदमों का संयुक्त ट्रायल मजिस्ट्रेट कोर्ट में होगा। जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में किसानों ने केस दर्ज किए थे, और इनकी एक साथ सुनवाई के लिए निगरानी याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी।

साल 2019 में डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने उनके खिलाफ बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, चोरी, मारपीट समेत कई धाराओं में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें से तीन मुकदमों का फैसला आ चुका है। दो मामलों में सपा नेता बरी हो चुके हैं, जबकि एक मामले में उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है।

हालांकि, हाल में डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े एक और मुकदमे में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी।

शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह मामला 2019 में दर्ज हुआ था, जबकि घटना 2016 की थी। वादी का आरोप था कि उनके घर में घुसकर जान से मारने की कोशिश की गई और लूटपाट की गई थी। घर को जबरन खाली करवाया गया था, और बुलडोजर से तोड़ दिया गया। जज ने आजम खान को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि न्यायालय का निर्णय हमेशा कानून और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आजम खान जैसे राजनीतिक व्यक्तित्वों के मामलों में अदालतों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हमें यह समझना चाहिए कि न्याय का मार्ग हमेशा कठिनाइयों से भरा होता है, लेकिन यह देश की न्याय व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

आजम खान की याचिका खारिज क्यों की गई?
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका को खारिज किया क्योंकि वकील ने सबूतों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
आजम खान के खिलाफ कितने मामले चल रहे हैं?
आजम खान के खिलाफ कुल 27 मामले चल रहे हैं, जिनका एक साथ ट्रायल किया जाएगा।