क्या मोगा में बाबा खाटू श्याम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- खाटू श्याम बाबा का जन्मोत्सव १ नवंबर को मनाया गया।
- इसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
- श्रद्धालुओं ने कलश और निशान यात्रा में हिस्सा लिया।
- बाबा श्याम को दयालु देवता माना जाता है।
- यह दिन विशेष रूप से पूजा और भजन-कीर्तन के लिए महत्वपूर्ण है।
मोगा, १ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। खाटू श्याम बाबा का जन्मदिन शनिवार को अत्यधिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। पंजाब के मोगा में श्याम प्रेमियों ने इस दिन को विशेष बनाने के लिए विशेष तैयारियां कीं। मोगा में आयोजित कलश और निशान यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
जानकारी के अनुसार, इस यात्रा में ५०० से अधिक महिलाओं ने कलश और निशान हाथ में लेकर बाबा का गुणगान किया। सभी श्रद्धालु गहरी श्रद्धा और भक्ति के भाव से शामिल हुए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवउठान एकादशी) को खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल यह एकादशी १ नवंबर को पड़ी।
लोगों का मानना है कि इस दिन विशेष रूप से बाबा की पूजा और भजन-कीर्तन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मोगा में भी सुबह से ही श्रद्धालु अलग-अलग स्थानों से निकलकर कलश और निशान यात्रा में शामिल हुए और बाबा का गुणगान करते रहे।
श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को खाटू श्याम बाबा के जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि यह दिन हमारे लिए बहुत खास है। खाटू श्याम मंदिर में जन्मोत्सव के लिए विशेष आयोजन किए गए। सुबह से ही भजन-कीर्तन और आरती का कार्यक्रम चलता रहा। लोग उत्साह और हर्ष के साथ बाबा की पूजा में भाग लेते नजर आए और सुख-शांति एवं आशीर्वाद की कामना करते रहे।
खाटू श्याम बाबा को दयालु देवता माना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, वे भीम के पोते बर्बरीक का पुनर्जन्म माने जाते हैं। बर्बरीक में महाभारत युद्ध को केवल एक मिनट में समाप्त करने की क्षमता थी, लेकिन उन्होंने अपना शीश श्रीकृष्ण को दान कर दिया था।
इस बलिदान के बाद कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वह कलयुग में हारे का सहारा बनेंगे। यही कारण है कि बाबा श्याम के प्रति लोगों में गहरी आस्था है।