क्या पतंजलि विश्वविद्यालय में बाबा रामदेव ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा, "आर्थिक गुलामी से मुक्त होगा भारत"?

सारांश
Key Takeaways
- बाबा रामदेव ने आर्थिक गुलामी से मुक्ति का आह्वान किया।
- 79वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया।
- स्वामी रामदेव ने ध्वजारोहण किया।
- मुगलों और औपनिवेशिक ताकतों का लूट का जिक्र किया।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देशभर की संस्थाओं में भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन उत्साह से किया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय में भी देशभक्ति का जोश देखने को मिला। योग गुरु बाबा रामदेव ने आर्थिक गुलामी से भारत के मुक्ति का आह्वान किया।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण किया और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम स्थल पर देशभक्ति गीतों की गूंज और छात्रों-शिक्षकों की उपस्थिति ने माहौल को प्रेरणादायी बना दिया।
स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "कुछ विदेशी ताकतें आज भी भारतीयों को ललकारने और उनकी औकात बताने का दुस्साहस कर रही हैं, जबकि 300 साल पहले भारत की प्राचीन अर्थव्यवस्था कभी 400 से 500 ट्रिलियन डॉलर की थी।"
उन्होंने कहा, "मुगलों से लेकर औपनिवेशिक ताकतों ने भारत का अपार वैभव लूटा, लेकिन आज भारत न केवल राजनीतिक बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है।"
उन्होंने संकल्प दिलाते हुए कहा कि आर्थिक गुलामी से मुक्त कर शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण की दिशा में नई ऊंचाइयां हासिल की जाएंगी।
यह उल्लेखनीय है कि 79वां स्वतंत्रता दिवस देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर ध्वजारोहण किया और देशवासियों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की ताकत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "आज दुनिया गुणवत्ता की मांग करती है। हमें ऐसा उत्पाद बनाना है, जिसमें दाम कम हो, लेकिन दम ज्यादा हो। हम सभी जो उत्पादन के क्षेत्र में हैं, हमें इस भाव के साथ आगे बढ़ना है।"
पीएम मोदी ने देश की प्रगति, आत्मनिर्भरता, और 2047 तक विकसित भारत के विजन पर आधारित न्यू इंडिया थीम पर अपने विचार प्रस्तुत किए। समारोह में 21 तोपों की सलामी, राष्ट्रगान, और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न भी शामिल रहा।