क्या झारखंड के अनुपूरक बजट पर बाबूलाल मरांडी ने उठाए सवाल?
सारांश
Key Takeaways
- बाबूलाल मरांडी ने सरकार की उदासीनता पर सवाल उठाया।
- अनुपूरक बजट वास्तविकता से दूर है।
- विकास में रुकावट के मुख्य कारणों में इच्छाशक्ति की कमी है।
रांची, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुपूरक बजट पर सवाल उठाए।
उन्होंने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया है। वित्त मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ाने की बात की, लेकिन आज की तारीख में राज्य की स्थिति ऐसी है कि कई क्षेत्रों में सरकार की उदासीनता के कारण कई कार्य ठप हैं। मेरा सीधा सवाल है, क्या हम इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार कर सकते हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि हम ग्रामीण विकास विभाग की बात करें, तो 2024-25 में आठ हजार करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया था, लेकिन ठेकेदार को केवल दो हजार करोड़ रुपए ही दिए गए। इससे राज्य में सभी कार्य रुके हुए हैं, और इससे विकास प्रभावित हो रहा है। इस तरह का रवैया अन्य विभागों में भी देखने को मिल रहा है, जो सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह अनुपूरक बजट वास्तविकता से बहुत दूर है। इस प्रकार का बजट जनता द्वारा किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, बल्कि इच्छाशक्ति की कमी है। इसी वजह से प्रदेश का विकास ठप है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के सभी कार्य रुके हुए हैं। जब तक इन कार्यों को शुरू नहीं किया जाएगा, तब तक विकास की गति कैसे तेज हो सकती है?