क्या पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत बड़ी कंपनियों ने युवाओं को 1.53 लाख से ज्यादा प्रस्ताव दिए?

सारांश
Key Takeaways
- 1.53 लाख से अधिक इंटर्नशिप प्रस्ताव दिए गए हैं।
- पीएम इंटर्नशिप स्कीम का उद्देश्य युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है।
- युवाओं के लिए आवेदन करने की उम्र 21-24 वर्ष है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि अक्टूबर 2024 में प्रारंभ की गई पीएम इंटर्नशिप स्कीम (पीएमआईएस) के पहले दो चरणों में देश की प्रमुख कंपनियों ने युवाओं को 1.53 लाख से अधिक प्रस्ताव दिए।
वित्त मंत्री ने एक लिखित उत्तर में बताया कि पीएम इंटर्नशिप योजना के पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में, साझेदार कंपनियों ने देशभर के पीएमआईएस पोर्टल पर 1.27 लाख से अधिक इंटर्नशिप के अवसर प्रस्तुत किए। इस दौरान, लगभग 1.81 लाख उम्मीदवारों से 6.21 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए।
साझेदार कंपनियों ने 60,000 से अधिक उम्मीदवारों को 82,000 से अधिक इंटर्नशिप के प्रस्ताव दिए, जिसमें से 28,000 से अधिक उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार किया और 8,700 से ज्यादा उम्मीदवार उनकी इंटर्नशिप में भाग ले चुके हैं।
उन्होंने आगे बताया कि 9 जनवरी, 2025 को प्रारंभ हुई पीएम इंटर्नशिप योजना के दूसरे चरण में, लगभग 327 साझेदार कंपनियों ने देश के 735 जिलों में 1.18 लाख से अधिक इंटर्नशिप अवसर (नए और पिछले चरण के संपादित अवसर) प्रस्तुत किए हैं।
इस चरण में 2.14 लाख से अधिक आवेदकों से 4.55 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए। 17 जुलाई, 2025 तक, साझेदार कंपनियों ने युवाओं को 71,000 से अधिक प्रस्ताव दिए हैं और 22,500 से अधिक प्रस्ताव स्वीकार किए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "वर्तमान में, प्रस्तावों की शुरुआत और इंटर्न द्वारा स्वीकृति/ज्वाइनिंग की प्रक्रिया जारी है।"
पीएम इंटर्नशिप योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। इसका उद्देश्य पांच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है।
इस योजना की शुरुआत के रूप में, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने 3 अक्टूबर, 2024 को एक पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया, जिसका लक्ष्य एक वर्ष में युवाओं को 1.25 लाख इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है।
21-24बीए, बीएससी, बीकॉम, बीसीए, बीबीए, बी. फार्मा जैसी डिग्री हो और जो पूर्णकालिक नौकरी या पूर्णकालिक शिक्षा में संलग्न न हों।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय इस योजना के प्रचार और कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों, उद्योग संघों, शैक्षणिक संस्थानों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ सक्रियता से काम कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय देश भर में लक्षित समूहों तक पहुंचने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां भी चला रहा है।