क्या बालासोर कॉलेज की छात्रा सौम्यश्री की मौत के पीछे गंभीर कारण हैं?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सौम्यश्री की मौत ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
- जांच अभी भी जारी है।
- परिवार और स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
- कॉलेज प्रशासन को छात्रों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
भुवनेश्वर, १० सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा क्राइम ब्रांच ने बालासोर के एफएम (स्वायत्त) कॉलेज की इंटीग्रेटेड बीएड तीसरे वर्ष की छात्रा सौम्यश्री की मृत्यु से संबंधित मामले में प्रारंभिक आरोपपत्र प्रस्तुत किया है।
यह ५०४ पृष्ठों का दस्तावेज है, जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा १९३(३) के तहत पेश किया गया। जांच में १२० गवाहों के बयान दर्ज किए गए और डिजिटल उपकरणों से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। हालाँकि, जांच अभी पूरी नहीं हुई है और बीएनएसएस की धारा १९३(९) के अंतर्गत अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच जारी है।
यह मामला सौम्यश्री के भाई अरिजीत डे की शिकायत पर आरंभ हुआ। डीएसपी इमान कल्याणी नायक के नेतृत्व में जांच में यह पता चला कि सौम्यश्री को उनके विभागाध्यक्ष और सहायक प्रोफेसर समीर कुमार साहू द्वारा गंभीर मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया। उन पर अनुचित मांगें भी थोपी गईं।
इस उत्पीड़न को सहन न कर पाने के कारण सौम्यश्री ने आत्महत्या करने का प्रयास किया और १४ जुलाई को एम्स भुवनेश्वर में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
इस मामले में अब तक चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे पहले १२ जुलाई को प्रोफेसर समीर कुमार साहू को हिरासत में लिया गया। इसके बाद १४ जुलाई को कॉलेज के चेयरमैन दिलीप कुमार घोष को गिरफ्तार किया गया। ३ अगस्त को दो छात्राओं, शुभ्रा संबित नायक और ज्योति प्रकाश बिस्वाल को भी पकड़ा गया।
क्राइम ब्रांच का कहना है कि जांच आगे बढ़ेगी ताकि सभी दोषियों की भूमिका स्पष्ट हो सके।
सौम्यश्री की मृत्यु ने कॉलेज और शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार और स्थानीय लोग इस घटना से अत्यधिक दुखी हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने आश्वासन दिया है कि हर पहलू की जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
इसी बीच, कॉलेज प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            