क्या बलरामपुर में डैम हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?

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क्या बलरामपुर में डैम हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर होगी कार्रवाई?

सारांश

बलरामपुर में लुत्ती डैम हादसे ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया है। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए न्याय और जांच की मांग की। यह स्थिति न केवल प्रभावित परिवारों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गई है।

Key Takeaways

  • लुत्ती डैम की घटना ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया।
  • टीएस सिंहदेव ने जांच की मांग की।
  • सरकार को तत्परता से राहत कार्य करना चाहिए।
  • डैम की उम्र और शिकायतों पर गहन जांच आवश्यक है।
  • स्थानीय निवासियों को सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।

बलरामपुर, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में लुत्ती (सतबहिनी) डैम दुर्घटना पर पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने इस घटना की गहन जांच करने की मांग की।

बलरामपुर जिले में लुत्ती (सतबहिनी) डैम के टूटने की घटना पर टीएस सिंहदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें इस हादसे की जानकारी लगभग रात 12 बजे मिली। इस घटना में दो घर पूरी तरह से बह गए, जिनमें से एक घर में मौजूद छह में से पांच लोगों की दुखद मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति को बचा लिया गया।

उन्होंने कहा कि मृतकों के अंतिम संस्कार और प्रभावित परिवारों को शासन से तुरंत सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक आपदा राहत के तहत सभी जरूरी सहयोग शीघ्र उपलब्ध कराने की अपील की।

टीएस सिंहदेव ने यह भी कहा कि यदि डैम 40-50 वर्ष पुराना है और ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायत की गई है, तो इसकी गहन जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि लिखित शिकायत की गई थी, तो उसका रिकॉर्ड होना चाहिए। यह तय होना चाहिए कि किन अधिकारियों को सूचित किया गया था और जिनकी लापरवाही से जानें गईं, उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।

सिंहदेव ने बस्तर क्षेत्र में आई बाढ़ की स्थिति पर भी चिंता जताई और सरकार से राहत एवं सहायता कार्यों में तत्परता दिखाने की अपील की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और दिवंगतों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

बलरामपुर में लगातार बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलाशयों से दूर रहने की अपील की है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, डैम टूटने से कई घर और खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है।

Point of View

बल्कि यह एक गंभीर सवाल भी खड़ा करती है कि क्या प्रशासन ने समय पर कार्रवाई की थी। देश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकारी तंत्र की तत्परता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
NationPress
03/09/2025