क्या पश्चिम बंगाल में बीएलओ पर दबाव बनाया जा रहा है? अधीर रंजन चौधरी का बयान
सारांश
Key Takeaways
- बीएलओ पर दबाव का आरोप गंभीर है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया है।
- अधीर रंजन चौधरी का सुझाव है कि धैर्यपूर्वक काम करना चाहिए।
मुर्शिदाबाद, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण में कार्यरत बीएलओ पर दबाव
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग दोनों मिलकर प्रेशर बना रहे हैं।
मुर्शिदाबाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "राज्य की सत्ताधारी पार्टी का बीएलओ पर दबाव है और चुनाव आयोग का भी। ऐसे में बीएलओ परेशान हैं कि वे कहाँ जाएं।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी एसआईआर हुआ है, लेकिन किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। अब तक 8 बार एसआईआर हो चुका है। ऐसा कभी नहीं हुआ कि बीएलओ भाग रहे हों या आत्महत्या कर रहे हों।
उन्होंने कहा कि बीएलओ की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा है, जो भारत में पहले कभी नहीं हुआ।
अधीर रंजन चौधरी ने सुझाव दिया कि एसआईआर के लिए धैर्य से काम करना चाहिए और सभी व्यवस्थाओं को ध्यान से देखना चाहिए।
कांग्रेस के सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के भाषण पर उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्यों को प्रियंका गांधी से सीखना चाहिए।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया में शामिल बीएलओ की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया।
इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि बंगाल में बीएलओ जो सरकारी कर्मचारी भी हैं, उन पर दबाव है।