क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को हमारी पार्टी हमेशा उठाती रही है? : डी राजा
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की बढ़ती घटनाएँ चिंताजनक हैं।
- केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- जांच समिति का गठन आवश्यक है ताकि निष्पक्षता बनी रहे।
- हमारी पार्टी लगातार इस मुद्दे पर आवाज उठा रही है।
- हिंदू समुदाय की सुरक्षा सर्वोपरि है।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाकपा महासचिव डी राजा ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हुए हमले की निंदा की।
उन्होंने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी ने हमेशा से यह कहा है कि युनून सरकार के शासनकाल में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए, उनकी सुरक्षा के लिए वहां की सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि हिंदू समुदाय के लोग सुरक्षित महसूस कर सकें और उनकी सुरक्षा पर किसी भी प्रकार की आंच नहीं आए।
भाकपा महासचिव ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले को देखते हुए केंद्र सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना होगा। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के समक्ष उठाना चाहिए। आखिर केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर चुप क्यों है? केंद्र सरकार को हर हाल में इस मुद्दे को उठाना होगा।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने इस संदर्भ में जो कहा है, वह उनकी अपनी टिप्पणी है। लेकिन, हमारी पार्टी शुरू से ही बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले पर खुलकर अपनी बात कहती रही है।
इसके अतिरिक्त, एडवोकेट विनित जिंदल ने भी बांग्लादेश पर हो रहे हमले पर चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से यूएनओ के समक्ष एक याचिका भी दाखिल की गई है, जिसमें बांग्लादेश में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा की मांग की गई है।
उन्होंने मांग की है कि बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की जाए। इस समिति में भारत के भी लोगों को शामिल किया जाए। ऐसा करने से जांच में निष्पक्षता रहेगी और पक्षपात की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। जांच के दौरान हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं बरता जाए। बांग्लादेश आज चरमपंथियों का अड्डा बन चुका है।