क्या बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों पर हमले की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं।
- एचआरसीबीएम ने इस पर गहरी चिंता जताई है।
- स्थानीय लोगों ने पुलिस की प्रतिक्रिया को असंतोषजनक बताया है।
- हिंसा के कारण कई परिवार गांव छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
- धार्मिक सहिष्णुता का अभाव गंभीर चिंता का विषय है।
ढाका, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार बढ़ते हमलों को लेकर मानवाधिकार कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (एचआरसीबीएम) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इस संगठन के अनुसार, रंगपुर जिले के गंगाचरा उपजिला स्थित अलदादपुर गांव में 27 और 28 जुलाई को एक उग्र भीड़ ने कम से कम 21 हिंदू परिवारों के घरों पर हमला किया, लूटपाट की गई और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
एचआरसीबीएम ने बताया कि एक 17 वर्षीय हिंदू लड़के ने कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट की थी, जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद, उस क्षेत्र में भीड़ ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
एचआरसीबीएम के बयान में कहा गया, "यह महज गुस्से की भावना नहीं थी, बल्कि यह एक संगठित हमला था जो लूटपाट, भय और विस्थापन की भावना से प्रेरित था।"
स्थानीय लोगों के अनुसार, हिंसा के दौरान 14 से 21 घरों पर हमले किए गए। पीड़ितों ने कहा कि पुलिस या तो देर से पहुंची या फिर हालात को संभालने में असमर्थ रही।
एक स्थानीय किसान कमलकांत रॉय ने बताया, "मैं पूरी रात नहीं सो पाया। सुबह होते ही हमें चावल, बिस्तर, बकरी और जो कुछ भी था, समेटकर गांव छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। हमें नहीं पता कि लौटने पर घर मिलेगा भी या नहीं।"
पुलिस के अनुसार, 14 घरों पर हमला हुआ, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि और निवासी दावा कर रहे हैं कि कम से कम 21 घरों में लूटपाट हुई और कई मवेशियों को या तो चुराया गया या फिर बेचा गया।
रविवार को दोपहर की नमाज के बाद खीलालगंज बाज़ार के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और हिंदू बहुल क्षेत्र की ओर मार्च किया। भीड़ ने धार्मिक नारे लगाते हुए हमला किया, कीमती सामान लूटे और लोगों को डराया।
स्थानीय यूनियन सदस्य परेश चंद्रा के अनुसार, "यह कोई अचानक हुआ हमला नहीं था। यह एक सोची-समझी कार्रवाई थी। इन परिवारों को निशाना बनाया गया, उनके घर खाली करवा दिए गए और उनकी सुरक्षा की भावना को तोड़ दिया गया।"
घटना के बाद क्षेत्र में पुलिस और सेना की तैनाती की गई है। हिंसा रोकने की कोशिश के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया।