क्या बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा गया?

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क्या बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा गया?

सारांश

बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर एआईएमएसए ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। यह पत्र छात्रों की असुरक्षित स्थिति की गंभीरता को उजागर करता है और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग करता है। क्या भारत सरकार इस चुनौती का सामना कर सकेगी?

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा
  • एआईएमएसए द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र
  • तत्काल और प्रभावी हस्तक्षेप की मांग
  • असुरक्षित स्थिति और मानसिक तनाव
  • कूटनीतिक पहल की आवश्यकता

नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएमएसए) ने बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में एआईएमएसए ने भारत सरकार से तुरंत और प्रभावी हस्तक्षेप की अपील की है, यह बताते हुए कि बांग्लादेश में भारतीय मेडिकल छात्रों की स्थिति बहुत असुरक्षित और चिंताजनक है।

एआईएमएसए ने पत्र में उल्लेख किया कि संगठन को बांग्लादेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों और उनके परिवारों से लगातार गंभीर और परेशान करने वाली जानकारी मिल रही है। छात्रों का कहना है कि वहां का माहौल अस्थिर है और वे निरंतर डर, तनाव, और असुरक्षा में जी रहे हैं। इस स्थिति ने ना केवल छात्रों, बल्कि उनके परिवारों को भी गहरे मानसिक तनाव में डाल दिया है।

एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि जब भारतीय छात्र विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं, तो उन्हें भारत सरकार पर पूरा भरोसा होता है। उन्हें यह विश्वास होता है कि किसी भी संकट में देश उनके साथ खड़ा रहेगा। एआईएमएसए ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक पहल और ठोस सुरक्षात्मक कदम उठाना आवश्यक है, ताकि छात्रों और उनके परिवारों का भरोसा बना रहे।

अपने पत्र में एआईएमएसए ने प्रधानमंत्री कार्यालय से विदेश मंत्री और संबंधित भारतीय दूतावास के साथ समन्वय करके तीन प्रमुख कदम उठाने की अपील की है।

पहला, बांग्लादेश में फंसे सभी भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा के लिए तुरंत ठोस कार्रवाई की जाए। दूसरा, भारतीय दूतावास और अन्य संबंधित मिशनों के माध्यम से जमीनी स्तर पर मदद बढ़ाई जाए। तीसरा, छात्रों और उनके परिवारों के साथ समय पर, स्पष्ट और पारदर्शी संवाद सुनिश्चित किया जाए, ताकि अफवाहों और भय का माहौल समाप्त हो सके।

एआईएमएसए ने पत्र में इस पूरे मामले को गंभीर और आपात स्थिति वाला बताते हुए कहा है कि इसे शीर्ष प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए। संगठन ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार जल्द और संवेदनशील कदम उठाएगी, जिससे बांग्लादेश में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों की जान, सम्मान और भविष्य सुरक्षित रह सके।

यह पत्र एआईएमएसए के उपाध्यक्ष डॉ. मोहम्मद मोमिन खान की ओर से भेजा गया है। इसकी प्रति विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को भी भेजी गई है।

Point of View

NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में भारतीय मेडिकल छात्रों की स्थिति कैसी है?
बांग्लादेश में भारतीय मेडिकल छात्रों की स्थिति असुरक्षित और चिंताजनक है, जिससे उन्हें डर और तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
एआईएमएसए ने पीएम मोदी को क्या पत्र लिखा?
एआईएमएसए ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बांग्लादेश में फंसे छात्रों की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
सरकार को छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने और दूतावास के माध्यम से सहायता बढ़ाने की आवश्यकता है।
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