क्या अखिलेश यादव और राहुल गांधी जिन्ना जैसा गुनाह कर रहे हैं?

Click to start listening
क्या अखिलेश यादव और राहुल गांधी जिन्ना जैसा गुनाह कर रहे हैं?

सारांश

बरेली में हालिया उपद्रव पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अखिलेश यादव और राहुल गांधी के रुख को लेकर कड़ी आलोचना की। क्या यह राजनीतिक बयानबाजी देश की एकता को खतरे में डाल रही है? जानें इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • उपद्रव का कारण धार्मिक प्रतीकों का प्रदर्शन था।
  • आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राजनीतिक बयानबाजी की निंदा की।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का आश्वासन दिया।
  • धार्मिक प्रेम के लिए प्रदर्शन की आवश्यकता नहीं है।
  • सभी नागरिकों को बराबर के अधिकार हैं।

संभल, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुए उपद्रव और नारेबाजी के चलते सियासी हलचल तेज हो गई है। इस मामले पर संभल जिले के ग्राम एंचौड़ा कम्बोह में श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान मौजूदा हालात को देखते हुए अखिलेश यादव और राहुल गांधी के रुख पर उन्होंने कड़ा ऐतराज व्यक्त किया।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मोहम्मद साहब से उनकी भी गहरी मोहब्बत है, लेकिन इसे सड़कों पर प्रदर्शन या हिंसा का माध्यम नहीं बनाना चाहिए। उनका स्पष्ट कहना था, "मोहब्बत दिल से होती है, सड़क पर आंदोलन करके नहीं। यह हिंदुस्तान है, तालिबान नहीं।"

बरेली में "आई लव मोहम्मद" के पोस्टर और नारों से शुरू हुआ विवाद हिंसा और तोड़फोड़ में बदल गया। इस पर आचार्य ने कहा कि अगर कोई उपद्रव करेगा, तो उसे सजा अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनुशासनप्रिय हैं। उनके रहते कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होगा। पुलिस चुप नहीं बैठेगी। जो उपद्रव करेगा, उसे कीमत चुकानी पड़ेगी।"

उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक प्रेम दिखाने के लिए हिंसा या शांति भंग करने की आवश्यकता नहीं। हम भी पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत करते हैं, लेकिन इसके लिए आंदोलन की आवश्यकता नहीं। मोहब्बत दिल में रखो, सड़कों पर नहीं।

बरेली में पुलिस के लाठीचार्ज के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने योगी सरकार पर सवाल उठाए थे। इस पर आचार्य ने पलटवार करते हुए कहा, "अखिलेश और राहुल देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। ये हिंदू-मुस्लिम को बांटना चाहते हैं और मुसलमानों को भड़काकर यह संदेश देना चाहते हैं कि यह देश उनका नहीं। यह गुनाह जिन्ना ने किया था, वही गलती ये दोहरा रहे हैं। इन्हें रुकना चाहिए।"

उन्होंने चेतावनी दी कि यह राजनीतिक बयानबाजी देश की एकता के लिए खतरनाक है। भारत के मुसलमान भी हमारे नागरिक हैं। उन्हें बहकाना बड़ा अपराध है। कानून ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं करेगा।

बरेली उपद्रव के बाद पुलिस ने स्थानीय मौलाना तौकीर राजा को गिरफ्तार किया। इस पर आचार्य ने कहा, "कानून सबके लिए बराबर है। चाहे हिंदू धर्मगुरु हो या मुस्लिम उलेमा, सबसे पहले हम हिंदुस्तानी हैं। अगर कोई कानून तोड़ेगा तो कार्रवाई होगी। किसी की हैसियत मायने नहीं रखती।"

आचार्य ने पिछली सरकारों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया, "पहले की सरकारों में आतंकवादियों को छोड़ने की सिफारिशें होती थीं। आतंकवादियों के रिश्तेदारों को विधायक और सांसद का टिकट तक दिया जाता था। यह रिकॉर्ड में है। आज योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून का राज कायम है, जो दुनिया देख रही है।"

आचार्य ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां न्याय की गारंटी है। "यहां तालिबान की तरह नहीं चलता। हमारे पास न्यायपालिका और कानून-व्यवस्था है। अगर कोई समस्या है तो सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के दरवाजे खुले हैं।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों को चेतावनी दी थी कि उन्हें ऐसा सबक मिलेगा कि उनकी सात पीढ़ियां याद रखेंगी। आचार्य ने इस पर समर्थन जताया और कहा, "योगी का रुख सही है। कानून का डर होना चाहिए, तभी शांति रहेगी।"

आचार्य ने कहा कि भारत सभी धर्मों का देश है और हर नागरिक को बराबर अधिकार है। हम सब इस देश के वासी हैं। इसे शांत और एकजुट रखना हमारी जिम्मेदारी है। जो लोग देश को अशांत करना चाहते हैं, चाहे वे किसी धर्म या पार्टी से हों, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

Point of View

आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि राजनीतिक बयानबाजी देश की एकता को खतरे में डाल सकती है। यह वक्त है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करें और एकजुट रहें।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

बरेली में उपद्रव क्यों हुआ?
बरेली में 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर और नारों के चलते विवाद शुरू हुआ, जो बाद में हिंसा में बदल गया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का इस मुद्दे पर क्या कहना है?
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अखिलेश यादव और राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि यह देश की एकता के लिए खतरा है।