क्या बीजिंग ने जापान के पूर्व सैन्य अधिकारी को निशाने पर लिया?

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क्या बीजिंग ने जापान के पूर्व सैन्य अधिकारी को निशाने पर लिया?

सारांश

बीजिंग और टोक्यो के बीच संबंधों में खटास बढ़ती जा रही है। चीन ने पूर्व जापानी सैन्य अधिकारी शिगेरू इवासाकी के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसे जापानी मीडिया ने प्रतीकात्मक प्रतिबंध बताया है। क्या यह कदम ताइवान की स्थिति को लेकर तनाव को और बढ़ाएगा?

Key Takeaways

  • चीन ने पूर्व जापानी सैन्य अधिकारी पर प्रतिबंध लगाया।
  • ताइवान के मुद्दे को लेकर जापान और चीन के रिश्ते बिगड़ रहे हैं।
  • जापानी मीडिया ने इसे प्रतीकात्मक प्रतिबंध बताया है।
  • इवासाकी पर ताइवान की आजादी का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
  • चीन का यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता पर असर डाल सकता है।

बीजिंग/टोक्यो, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन-जापान के बीच बिगड़े संबंधों में और भी तल्खी आ गई है। बीजिंग ने अब सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ शिगेरू इवासाकी के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की है। जापानी मीडिया इसे प्रतीकात्मक प्रतिबंध मानता है, जो इस साल ताइवान की कैबिनेट में सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति का उत्तर है।

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इवासाकी पर 'ताइवान की आजादी' का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है।

चीन ने सोमवार को जापान के सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ शिगेरू इवासाकी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का ऐलान किया। आरोप है कि यह कार्रवाई अलगाववादी ताकतों के साथ उनकी सार्वजनिक मिलीभगत के कारण की गई है, जिसने वन चाइना पॉलिसी और चीन-जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों की भावना का उल्लंघन किया, देश के आंतरिक मामलों में दखल दिया, और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया।

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के विदेशी प्रतिबंध विरोधी कानून के अनुच्छेद 3, 4, 5, 6, 9 और 15 के तहत, चीन ने इवासाकी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

मंत्रालय ने बताया कि इन जवाबी कदमों में वीजा प्रतिबंध, इवासाकी की संपत्तियों का फ्रीज करना, और उनके साथ किसी भी तरह के लेन-देन या सहयोग पर रोक लगाना शामिल है।

यह निर्णय सोमवार से प्रभावी है।

द जापान टाइम्स के अनुसार, यह मामला पुराना है। इवासाकी ने 2012 से 2014 तक एसडीएफ प्रमुख के रूप में कार्य किया था। उस समय, पूर्वी चीन सागर के द्वीपों को लेकर टोक्यो और बीजिंग के बीच तनाव बढ़ गया था। उन्होंने एसडीएफ के लिए संयुक्त अभियानों के विकास में मदद की और अमेरिकी सेनाओं के साथ मिलकर कार्य किया।

ये प्रतिबंध ऐसे समय में लागू किए गए हैं जब ताइवान को लेकर जापान और चीन के रिश्ते कई वर्षों में सबसे खराब दौर में पहुँच गए हैं। जापान के पीएम सनाए ताकाइची ने पिछले महीने कहा था कि स्व-शासित द्वीप के खिलाफ चीन की कोई भी सैन्य कार्रवाई जापान के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकती है। ऐसे में, वे एसडीएफ को कार्रवाई करने की इजाजत दे सकती हैं। उनके इस बयान से बीजिंग नाराज हो गया, क्योंकि वह ताइवान से जुड़े किसी भी मुद्दे को अपना आंतरिक मामला मानता है।

इवासाकी इस साल दूसरे जापानी नागरिक हैं जिन पर चीन ने प्रतिबंध लगाया है, इससे पहले सितंबर में उसने सांसद हेई सेकी पर भी इसी तरह के कदम उठाए थे। सेकी, जिनका जन्म चीन में हुआ था और बाद में वे जापानी नागरिक बने थे, पर बीजिंग ने चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने और उसकी संप्रभुता को कमजोर करने का आरोप लगाया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चीन और जापान के बीच की वर्तमान स्थिति हमें एक गहरी चिंता में डालती है। दोनों देशों के बीच की बढ़ती तनावपूर्ण घटनाएँ न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं। हमे उम्मीद है कि दोनों पक्ष संवाद के माध्यम से इस स्थिति को सुलझाएंगे।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

शिगेरू इवासाकी पर आरोप क्या हैं?
इवासाकी पर 'ताइवान की आजादी' का षड्यंत्र रचने का आरोप है।
चीन ने इवासाकी के खिलाफ कौन से कदम उठाए हैं?
चीन ने इवासाकी के खिलाफ वीजा प्रतिबंध, संपत्तियों का फ्रीज और उनके साथ लेन-देन पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
ताइवान और जापान के रिश्तों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह कदम ताइवान के मुद्दे पर चीन-जापान के रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकता है।
क्या यह प्रतिबंध पहली बार लगाए गए हैं?
नहीं, इस साल पहले भी चीन ने जापान के एक सांसद पर प्रतिबंध लगाया था।
क्या बीजिंग ताइवान को अपना आंतरिक मामला मानता है?
जी हां, बीजिंग ताइवान के मुद्दे को अपना आंतरिक मामला मानता है।
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