क्या यूपी-बिहार के अभ्यार्थियों को अब बंगाल सरकार से उम्मीद है? कुणाल घोष का बयान

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में 40,000 अभ्यर्थियों का आना एक सकारात्मक संकेत है।
- टीएमसी और भाजपा के बीच की राजनीति में गर्माहट बढ़ी है।
- सुप्रीम कोर्ट के नए वक्फ कानून पर आए फैसले ने भी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया है।
कोलकाता, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर से बहस और आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गई है। उत्तर प्रदेश और बिहार से लगभग 40,000 अभ्यर्थियों ने एसएससी परीक्षा के लिए बंगाल का रुख किया, जिसके चलते भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट का नया वक्फ कानून पर आया अंतरिम फैसला और टीएमसी सांसद एवं अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती को ईडी द्वारा समन भेजने की घटना ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है।
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने यह दावा किया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों युवा पश्चिम बंगाल में नौकरी की तलाश में परीक्षा देने आए हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य के रोजगार तंत्र पर लोगों के विश्वास को दर्शाता है और भाजपा शासित राज्यों की डबल इंजन सरकार के प्रति अविश्वास को भी उजागर करता है।
घोष ने कहा कि भाजपा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि लाखों बंगालवासी अन्य राज्यों में काम करते हैं, जबकि लगभग डेढ़ करोड़ लोग रोजगार के लिए बंगाल आते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का 'मास्क वाला पॉलिटिक्स' अब बेनकाब हो चुका है।
टीएमसी सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए बुलाया, जिस पर कुणाल घोष ने भाजपा पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले भी अभिनेता अंकुर हाजरा को बुलाया गया था और अब मिमी को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की यह रणनीति मिमी चक्रवर्ती की 'रक्तबीज 2' फिल्म के लिए मुफ्त प्रमोशनल कैंपेन बन गई है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नए वक्फ कानून, 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से मना कर दिया। हालाँकि, कोर्ट ने संपत्ति विवाद सुलझाने का अधिकार देने वाले प्रावधान सहित कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस पर कुणाल घोष ने फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह विषय हमारे लॉयर्स और लीडरशिप द्वारा देखे जा रहे हैं। ऐसे में अभी कुछ कहना सही नहीं है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में पूर्वी कमान के अधिकारियों के साथ सुरक्षा और रणनीतिक मामलों पर अहम बैठक की। हालांकि, टीएमसी ने इस पर कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि रक्षा और सेना के मामलों में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।