क्या भागलपुर हैंडीक्राफ्ट मेला महिला उद्यमियों की तकदीर बदलने का माध्यम है?
सारांश
Key Takeaways
- महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियाँ
- सरकारी योजनाओं का प्रभाव
- स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा
- समाज में सकारात्मक बदलाव
- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
भागलपुर, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान को साकार करने वाला भागलपुर का हैंडीक्राफ्ट मेला वर्तमान में महिला उद्यमियों की शक्ति का जीवंत प्रतीक बन गया है। यहाँ स्टार्टअप इंडिया, पीएमएफएमई, खादी इंडिया, मिलेट्स मिशन और विरासत से विकास तक हर सरकारी योजना की सफलता की कहानियाँ खुद बयां कर रही हैं।
कोरोना काल में चुनौतियों को अवसर में बदलने वाली भागलपुर की मोनिका कुमारी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "सिर्फ 1500 रुपए से शुरू किया गया व्यवसाय अब स्टार्टअप इंडिया और आईटी मंत्रालय की सहायता से 1 करोड़ 65 लाख रुपए सालाना तक पहुँच चुका है। पीएम मोदी का दिल से धन्यवाद।"
इसी मेले में जीविका दीदी ललिता देवी ने अनुभव साझा करते हुए बताया, "पहले दिन की मजदूरी 100 रुपए थी, फिर जीविका समूह से 10 हजार, फिर 50 हजार और पीएमएफएमई से 5 लाख का लोन मिला। अब मैं अपनी कंपनी चला रही हूँ, परिवार खुशहाल है और बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं। अब मैं खुद की मालिक हूँ।"
मोटे अनाजों की बड़ी समर्थक निकिता कुमारी ने बताया, "पीएम मोदी को टीवी पर मिलेट्स का महत्व बताते देख प्रेरणा मिली और अब मैं मिलेट्स से बने कई उत्पाद बेच रही हूँ।" निकिता ने स्वयं को स्वावलंबी बनाया है और लगभग 3 हजार महिलाओं को रोजगार भी दिया है। उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज से आए हर्बल उद्यमी आलोक राठौर ने कहा, "खादी इंडिया की मदद से 2010 में शुरू 50 हजार के कारोबार को आज 20 लाख तक पहुँचाया है। 35 लोगों को रोजगार दे रहा हूँ। सीएम योगी और पीएम मोदी के स्वदेशी के नारे ने मुझे नई दिशा दी।"
'विरासत से विकास' के सच को जिंदा रखते हुए भागलपुर अंग जनपद की सदियों पुरानी मंजूषा पेंटिंग भी नई पहचान बना रही है। भारत सरकार ने इसे जीआई टैग दिया है। मंजूषा आर्टिस्ट डॉ. उलूपी झा को स्टेट अवॉर्ड और राष्ट्रपति भवन में 100 वुमन अचीवर्स में सम्मान मिला है। सैकड़ों महिलाएँ आज इसी कला से रोजगार कमा रही हैं। डॉ. उलूपी ने बताया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार महिलाओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं; उनसे और सहयोग की अपेक्षा है।