क्या भागलपुर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रशिक्षण और सहायता राशि दे रही है।
- गंगा नदी के किनारे जैविक खेती को प्राथमिकता दी जा रही है।
- किसानों को रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
भागलपुर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के मध्यम एवं निम्न वर्ग के किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार कई योजनाओं पर कार्यरत है। जैविक और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बिहार के भागलपुर जिले का क्षेत्र भी इस पहल से अछूता नहीं है, जहां किसानों को प्रशिक्षण और सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
भागलपुर की गंगा नदी के किनारे, छोटे किसानों को सहायता राशि देकर जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक लाभान्वित किसान ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि जमीन की उर्वरता बनाए रखने के लिए यह मदद महत्वपूर्ण है।
किसान वेद व्यास चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भारत सरकार द्वारा जैविक खेती के बाद अब प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जा रहा है। कई किसानों को प्रति एकड़ सहायता राशि दी जा रही है। इस प्रयास का उद्देश्य रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम करना है।"
उन्होंने आगे बताया, "हमारी मिट्टी बहुत उपजाऊ है, और सरकार द्वारा नदी के किनारे जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य खेतों को रासायनिक दवाओं से मुक्त रखना है।"
किसान ने बताया, "प्राकृतिक खेती के लिए यहां सात ब्लॉक का चयन किया गया है, जिसमें 10 कलस्टर हैं और हर कलस्टर में करीब सवा सौ किसान शामिल हैं। हर कलस्टर में दो कृषि सखी भी नियुक्त की गई हैं, जिनका काम किसानों को प्रशिक्षण देना है।"
उन्होंने कहा, "प्राकृतिक खेती के साथ देसी गाय को बढ़ावा देने की घोषणा भी की गई थी। अगर यहां ठीक से कार्य किया जाए, तो प्राकृतिक खेती की संभावनाएं बहुत उज्ज्वल हैं।"