क्या भारत आंतरिक मामलों में विदेशी देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को स्वीकार करेगा?: अविनाश पांडे

सारांश
Key Takeaways
- भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप को नकारा गया है।
- कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह देश की संप्रभुता का मामला है।
- भारत अपने मुद्दों को स्वयं सुलझाने में सक्षम है।
लखनऊ, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की फोन पर हुई बातचीत पर कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे का बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी बाहरी देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अविनाश पांडे ने बुधवार को राष्ट्र प्रेस से संवाद करते हुए कहा, "इस देश के लोग प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करते हैं कि वे जो कहते हैं, वह केवल जुमला न हो, बल्कि राष्ट्र की वास्तविक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखें। अगर ऐसा कोई बयान दिया गया है, तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।" कांग्रेस ने पहले से ही यह स्पष्ट किया है कि भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी विदेशी देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अविनाश पांडे ने आगे कहा, "हमारा विश्वास है कि भारत के पाकिस्तान या अन्य देशों के साथ जो संबंध हैं, उन्हें हम खुद सुलझाएंगे। भारत इस मामले में पूरी तरह से सक्षम है और इसका विश्वास पूरा देश रखता है।"
उन्होंने बताया, "इस देश के लोग प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा करते हैं कि उनके बयान केवल नारे न हों, बल्कि राष्ट्र की सच्ची भावनाओं को दर्शाएं। यदि ऐसा कोई बयान दिया गया है, तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।" कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि सबसे महत्वपूर्ण मामलों में भी, उसने भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी विदेशी देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप को कभी स्वीकार नहीं किया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 35 मिनट की बातचीत में कई विषयों पर चर्चा हुई।
विक्रम मिस्री ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बातचीत थी। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन कर शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से चर्चा की।"
भारतीय विदेश सचिव के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बताए गए मुद्दों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को समर्थन दिया।