क्या भारत और अमेरिका ने सीमापार आतंकवाद की निंदा की और पहलगाम तथा दिल्ली विस्फोट का उल्लेख किया?

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क्या भारत और अमेरिका ने सीमापार आतंकवाद की निंदा की और पहलगाम तथा दिल्ली विस्फोट का उल्लेख किया?

सारांश

भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता को दर्शाते हुए नई दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक की। दोनों देशों ने सीमापार आतंकवाद की निंदा की और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कई उपायों पर चर्चा की। जानिए इस बैठक के मुख्य बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका का आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करना।
  • सीमा पार आतंकवाद की निंदा की गई।
  • आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता।
  • आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा।
  • अगली बैठक की तिथि की घोषणा।

नई दिल्ली, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) ने शनिवार को नई दिल्ली में आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए भारत-यूएसए संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की २१वीं बैठक और ७वां पदनाम संवाद आयोजित किया।

भारत के विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंकवाद-निरोधक) डॉ. विनोद बहाडे और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग में आतंकवाद निरोधक ब्यूरो की वरिष्ठ अधिकारी मोनिका जैकब्स ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

बैठकों में आतंकवाद से निपटने में द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया, जो भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की भावना और विस्तार को दर्शाता है। दोनों पक्षों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी प्रकारों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की। उन्होंने २२ अप्रैल २०२५ को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और १० नवंबर को नई दिल्ली के लाल किले के पास हुई जघन्य आतंकी घटना की कड़ी निंदा की।

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

दोनों पक्षों ने आतंकवादी भर्ती, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे पारंपरिक और उभरते खतरों और चुनौतियों की एक विस्तृत श्रृंखला की समीक्षा की। दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और निरंतर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयासों के माध्यम से सूचना साझा करने सहित चुनौतियों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभागियों ने कानून प्रवर्तन और न्यायिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की, जिसमें सूचना साझा करना और पारस्परिक कानूनी सहायता अनुरोधों पर सहयोग शामिल है।

दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आईएसआईएस और अल-कायदा से जुड़े संगठनों और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और उनके प्रॉक्सी समूहों, समर्थकों, प्रायोजकों, वित्तपोषकों और समर्थकों को अतिरिक्त रूप से नामित करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके सदस्यों को वैश्विक संपत्ति फ्रीज, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध का सामना करना पड़े।

दोनों पक्षों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में आतंकवाद-निरोध और पदनाम वार्ता पर संयुक्त कार्य समूह की अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर आयोजित करने का निर्णय लिया।

Point of View

यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को दर्शाती है। यह न केवल द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना था।
बैठक में किन आतंकवादी हमलों का उल्लेख किया गया?
बैठक में पहलगाम और नई दिल्ली में हुए आतंकवादी हमलों का उल्लेख किया गया।
क्या आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने पर चर्चा हुई?
हाँ, बैठक में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने पर जोर दिया गया।
इस बैठक के दौरान किन चुनौतियों पर चर्चा की गई?
इस बैठक में आतंकवादी भर्ती, तकनीकी दुरुपयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसी चुनौतियों पर चर्चा की गई।
अगली बैठक कब होगी?
अगली बैठक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित की जाएगी।
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