क्या भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने की योजना है?

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क्या भारत और रूस के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने की योजना है?

सारांश

भारत और रूस की रक्षा साझेदारी को मजबूती देने के लिए हालिया मुलाकात ने द्विपक्षीय सहयोग के नए आयामों को उजागर किया है। क्या यह सहयोग और गहरा होगा? जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के प्रमुख बिंदुओं को।

Key Takeaways

  • भारत-रूस रक्षा साझेदारी का इतिहास लंबा है।
  • द्विपक्षीय सहयोग सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में मजबूत हो रहा है।
  • भारत जल्द ही एस-400 प्रणाली की और खरीदारी करेगा।

मॉस्को, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर फोमिन ने बुधवार को रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की और इस सहयोग को और मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।"

बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि बैठक एक "गर्मजोशी और मित्रता पूर्ण वातावरण में" हुई, जो कि भारत-रूस संबंधों की पारंपरिक विशेषता रही है।

भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से गहरा और व्यापक सहयोग रहा है, जिसे दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की अध्यक्षता वाले भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग द्वारा मार्गदर्शित किया जाता है।

दोनों देशों के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति, टी-90 टैंकों और सुखोई-30 एमकेआई की लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, मिग-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, आईएनएस विक्रमादित्य, भारत में एके-203 राइफल्स और ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन सहित कई द्विपक्षीय परियोजनाएं चल रही हैं।

नई दिल्ली और मॉस्को इस बात को स्वीकार करते हैं कि अब सैन्य-तकनीकी सहयोग पारंपरिक खरीद-बिक्री मॉडल से आगे बढ़कर संयुक्त अनुसंधान, सह-विकास और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन तक पहुंच चुका है।

मई में पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने सफलतापूर्वक जवाबी कार्रवाई की थी। इस दौरान एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की भूमिका को काफी सराहा गया।

रणनीतिक योजना और सैन्य तैयारियों के मद्देनजर भारत जल्द ही और एस-400 सिस्टम की खरीद करने जा रहा है।

इस बीच, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी इन दिनों मॉस्को में हैं, जहां वे वरिष्ठ रूसी अधिकारियों से मुलाकात कर भारत-रूस रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं।

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की है कि वे भारत से आयातित वस्तुओं पर वर्तमान 25 प्रतिशत शुल्क को "काफी बढ़ाने" जा रहे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया है कि भारत, रूस से सस्ता तेल खरीदकर "युद्ध मशीन को ईंधन" दे रहा है।

Point of View

बल्कि वर्तमान वैश्विक स्थिति में इसकी आवश्यकता भी बढ़ गई है। दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ मिलकर अपने सुरक्षा हितों को मजबूत करना चाहिए।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों की सुरक्षा और सामरिक हितों को संतुलित करता है।
क्या एस-400 प्रणाली का भारत में उपयोग प्रभावी है?
हां, एस-400 प्रणाली ने भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को काफी मजबूती प्रदान की है और इसके उपयोग की सराहना की गई है।