क्या भारत-श्रीलंका की सेना जहरीले सांपों से निपटने का अभ्यास कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- जहरीले सांपों से निपटने की तकनीकें
- मानसिक मजबूती की प्रशिक्षण विधियाँ
- हेलिकॉप्टर से उतरने का अभ्यास
- आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए तैयारी
- टीम भावना और समन्वय को बढ़ावा
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और श्रीलंका की सेनाएं जहरीले सांपों से निपटने, मानसिक मजबूती, फिटनेस ड्रिल्स, और हेलिकॉप्टर से ऑपरेशनल जोन में उतरने जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही हैं। ये सभी चुनौतियाँ संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ के दौरान की गई हैं।
भारत के फॉरेन ट्रेनिंग नोड, बेलगावी में यह उच्च-स्तरीय संयुक्त प्रशिक्षण जारी है। यहां हो रही कठोर शारीरिक गतिविधियों और विविध सैन्य अभ्यासों ने न केवल सैनिकों की शारीरिक क्षमता, मानसिक मजबूती और परस्पर तालमेल को बढ़ाया, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को भी सुदृढ़ किया। यहां दोनों देशों के सैनिकों ने हाई-इंटेंसिटी फिटनेस ड्रिल्स, स्ट्रेचिंग, तथा योग सत्र किए हैं।
सेना के मुताबिक इन गतिविधियों ने संयुक्त दलों के बीच बेहतर समन्वय, अनुशासन और टीम भावना को बढ़ावा दिया। टेक्निकल स्तर पर महत्वपूर्ण अभ्यास भी किए गए हैं। इनमें हेलिबोर्न इंसर्शन ड्रिल्स का सफल अभ्यास किया गया, जिसमें सैनिकों ने हेलीकॉप्टर से ऑपरेशनल जोन में उतरने की प्रक्रियाओं, सुरक्षा मानकों और त्वरित तैनाती की क्षमताओं को निखारा।
यह अभ्यास आतंकवाद-रोधी अभियानों और त्वरित प्रतिक्रिया वाले मिशनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऑपरेशनल लर्निंग के हिस्से में रोड ऑपनिंग, कैजुअल्टी इवैक्यूएशन, कॉम्बैट मेडिकल स्किल्स, रियल-टाइम ड्रोन हैंडलिंग एवं निगरानी जैसी एक्सरसाइज की गई हैं। भारतीय सेना के मुताबिक इन डेमोंस्ट्रेशनों ने दोनों सेनाओं की जमीनी कार्रवाई की समझ और सामरिक प्रतिक्रिया को मजबूत किया है।
अभ्यास के दौरान श्रीलंका सेना द्वारा ऑपरेशन इंड्रा सेरा पर विशेष प्रस्तुति दी गई, जिसमें ऑपरेशन की पृष्ठभूमि, रणनीतियां, छोटे दलों की भूमिका तथा पहचान और निराकरण तकनीक शामिल रहे। इन विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत चर्चा की गई। यह सत्र वास्तविक अभियानों से मिली सीख का आदान-प्रदान करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ।
सर्वाइवल प्रशिक्षण में जहरीले सांपों से निपटना, जंगल में आश्रय निर्माण व ट्रैप डेमोंस्ट्रेशन शामिल रहा। यहां सैनिकों को जंगल और कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने की कला सिखाने के लिए सांप पकड़ने के तरीकों, जीवनरक्षक व्याख्यान, अस्थायी आश्रय निर्माण तथा ट्रैप मैकेनिज्म का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इससे सैनिकों की सर्वाइवल रेडीनेस को गहरी मजबूती मिली। साहस और मनोवैज्ञानिक मजबूती को परखने के लिए लिडो जंप गतिविधि आयोजित की गई।
इसने सैनिकों में आत्मविश्वास, टीम के प्रति भरोसा और मानसिक संतुलन को और मजबूत किया। सैन्य अभ्यास के दौरान संयुक्त लाइव फायरिंग से मिशन रेडीनेस में बढ़ोतरी हुई है। प्रशिक्षण के संयुक्त चरण का समापन ज्वाइंट लाइव फायरिंग से हुआ, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं ने हथियार प्रवीणता व लक्ष्य साधने की क्षमता दिखाई।
बीते दो दिनों की इस गहन प्रशिक्षण श्रृंखला ने भारत और श्रीलंका के सैनिकों की पेशेवर क्षमताओं, सहयोग और मिलिट्री डिप्लोमेसी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। मित्र शक्ति अभ्यास निरंतर दोनों देशों के बीच शांति-निर्माण, क्षेत्रीय स्थिरता और आपदा प्रतिक्रिया सहयोग को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।