क्या भारत बन रहा है वैश्विक कंपनियों की पहली पसंद? जीसीसी मार्केट में हिस्सेदारी 53 प्रतिशत : रिपोर्ट

सारांश
Key Takeaways
- भारत में 53 प्रतिशत जीसीसी की उपस्थिति है।
- बेंगलुरु में सबसे अधिक 487 जीसीसी हैं।
- भारत में जीसीसी की वृद्धि दर 8 प्रतिशत है।
- आईटी क्षेत्र में जीसीसी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है।
- भारत में जीसीसी की संख्या वित्त वर्ष 28 तक 2,100 से अधिक होने का अनुमान है।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के लिए भारत अब दुनिया भर की कंपनियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनता जा रहा है। विश्व भर के करीब 53 प्रतिशत या लगभग 1,700 जीसीसी भारत में स्थित हैं। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।
वेस्टियन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में कुल जीसीसी का 94 प्रतिशत बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और पुणे में मौजूद है।
बाकी 6 प्रतिशत जीसीसी कोलकाता, कोच्चि, अहमदाबाद, चंडीगढ़, कोयंबटूर, वडोदरा, नासिक, त्रिवेंद्रम, जोधपुर, वारंगल, बड़ौदा, विशाखापत्तनम, भोगपुरम, जयपुर, सूरत, मोहाली, भुवनेश्वर, इंदौर, मैसूर, मदुरै और भोपाल में फैले हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जीसीसी की कुल संख्या 8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रही है और यह वित्त वर्ष 28 तक 2,100 से अधिक होने की संभावना है। औसतन, प्रत्येक वर्ष लगभग 150 नए जीसीसी स्थापित होने की उम्मीद है।
भारत में आईटी क्षेत्र के जीसीसी की संख्या सबसे ज्यादा है, जिसमें इनकी हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। जबकि बीएफएसआई (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हेल्थकेयर और लाइफ साइंस, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग, कंसल्टेंसी सर्विसेज, और टेलीकॉम एवं मीडिया क्षेत्र की सामूहिक रूप से जीसीसी की कुल संख्या में लगभग 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
बेंगलुरु में विभिन्न उद्योगों में फैले सबसे अधिक 487 जीसीसी हैं, जो देश में कुल जीसीसी का 29 प्रतिशत हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 273 जीसीसी की उपस्थिति के साथ, हैदराबाद देश में सबसे तेजी से बढ़ते जीसीसी केंद्र के रूप में उभरा है। एनसीआर क्षेत्र में 272 जीसीसी, मुंबई में 207 जीसीसी और पुणे में 178 जीसीसी हैं।
प्रारंभिक रूप से आईटी सपोर्ट और बैक-ऑफिस सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बाद, जीसीसी अब नवाचार, अनुसंधान और विकास के केंद्र बन गए हैं और दुनिया भर में उनकी संख्या लगभग 3,200 केंद्रों तक पहुंच गई है।