क्या अंतरिक्ष से भारत का दृश्य अद्भुत लगता है? : ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
सारांश
Key Takeaways
- अंतरिक्ष से भारत का दृश्य अद्भुत है।
- गगनयान मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ता है।
- युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई।
- भारत अब गगनयान मिशन पर गंभीरता से काम कर रहा है।
- आदित्य-एल1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया जा चुका है।
चंडीगढ़, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पंचकूला में शनिवार को चार दिवसीय भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर बच्चे भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को देखकर अत्यंत उत्साहित थे।
कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि अंतरिक्ष से भारत का दृश्य अद्भुत है और यह देश दुनिया में सबसे बेहतरीन नजर आता है।
उन्होंने बताया कि अपनी लगभग 20 दिवसीय अंतरिक्ष यात्रा के दौरान उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्र की, जो भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ेंगी।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने भारत-केंद्रित खाद्य, औषधियों और नई तकनीकों से संबंधित प्रयोग भी किए। उन्होंने कहा कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से उन्नति कर रहा है। यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश इस क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है।
युवाओं, विशेषकर बच्चों, से उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है, जब वे आगे बढ़ेंगे, तो राष्ट्र भी आगे बढ़ेगा। बच्चों में विज्ञान के प्रति बढ़ती रुचि प्रेरणादायक है और अंतरिक्ष यात्री बनने के उनके सपनों को साकार करने में शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
इस दौरान ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने छात्रों और युवाओं के सवालों के जवाब दिए और उत्साहपूर्वक उनके जिज्ञासाओं का समाधान किया।
उन्होंने कहा कि 2018 में जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा की थी कि भारत का कोई बेटा या बेटी जल्द ही अंतरिक्ष में जाएगा, उस घोषणा ने उन्हें अंतरिक्ष की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उसी क्षण से उन्होंने उस दिशा में लगातार प्रयास करना शुरू कर दिया।
शुक्ला ने कहा कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, प्रयास करते रहना चाहिए। सफलता निरंतर प्रयास के बाद ही मिलती है। एक छात्र के इस प्रश्न के उत्तर में कि क्या केवल भारतीय वायु सेना के माध्यम से ही अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं, उन्होंने बताया कि एक नया ढांचा विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत न केवल वायु सेना या सशस्त्र बलों के माध्यम से, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्ति भी अंतरिक्ष यात्री के रूप में अपना करियर बना सकेंगे।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने कहा कि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा से मिली प्रेरणा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने का साहस दिया।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में कई भारतीय अंतरिक्ष में जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब गगनयान मिशन पर गंभीरता से काम कर रहा है और सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया जा चुका है।