क्या भारत के वस्त्र उद्योग ने वैश्विक अस्थिरता के बावजूद मजबूती दिखाई है? : गिरिराज सिंह

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क्या भारत के वस्त्र उद्योग ने वैश्विक अस्थिरता के बावजूद मजबूती दिखाई है? : गिरिराज सिंह

सारांश

भारत के कपड़ा उद्योग ने वैश्विक अस्थिरता के बावजूद मजबूती दिखाई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि भारत 2030 तक 100 अरब डॉलर का निर्यात कर 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार बनने की दिशा में अग्रसर है। जानिए इस क्षेत्र की महत्ता और विकास के रुझान।

Key Takeaways

  • भारत का कपड़ा उद्योग 2030 तक 100 अरब डॉलर का निर्यात करने का लक्ष्य रखता है।
  • यह उद्योग जीडीपी में 2 प्रतिशत का योगदान देता है।
  • भारतीय वस्त्र 220 से अधिक देशों में निर्यात होते हैं।
  • वस्त्र उद्योग में 5.37 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि हुई है।
  • 'वोकल फॉर लोकल' का महत्व घरेलू मांग को बढ़ाने में है।

नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारत का कपड़ा क्षेत्र 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखता है।

उन्होंने वस्त्र एवं परिधान मूल्य श्रृंखला के एमएसएमई कपड़ा निर्यातकों के साथ एक परामर्श बैठक में कहा कि भारत का कपड़ा क्षेत्र देश की आर्थिक मजबूती और सांस्कृतिक विरासत के गौरवशाली प्रतीकों में से एक है।

यह क्षेत्र जीडीपी में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान देते हुए वैश्विक व्यापार में 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत को छठा सबसे बड़ा निर्यातक बनाता है।

भारतीय वस्त्र 220 से अधिक देशों और 520 से अधिक जिलों में सक्रियता से निर्यात किए जाते हैं, जो आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण और स्वदेशी की शाश्वत भावना का प्रतीक हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि भारत के कपड़ा क्षेत्र के प्रमुख साझेदार देशों में पहली तिमाही में निर्यात वृद्धि हुई है, जिसमें जापान की हिस्सेदारी 17.9 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम की 7.39 प्रतिशत, यूएई की 9.62 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया की 1.74 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और कुछ साझेदारों द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों के बावजूद, भारत के वस्त्र उद्योग ने मजबूती का प्रदर्शन किया है। जुलाई 2025 में निर्यात 5.37 प्रतिशत बढ़कर 3.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।

अप्रैल-जुलाई 2025 में निर्यात 12.18 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो सालाना आधार पर 3.87 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। रेडीमेड कपड़े 7.87 प्रतिशत, कालीन 3.57 प्रतिशत और जूट उत्पाद की 15.78 प्रतिशत वृद्धि के साथ हस्तशिल्प और एमएमएफ कपड़े का प्रदर्शन स्थिर रहा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रमुख मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) साझेदार देशों में ये सकारात्मक रुझान 590 बिलियन अमेरिकी डॉलर के वैश्विक कपड़ा बाजार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की क्षमता की पुष्टि करते हैं।

उन्होंने पीएम मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' आह्वान को ध्यान में रखते हुए, 40 चिन्हित वैश्विक बाजारों में रणनीतिक विविधीकरण और घरेलू मांग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

गिरिराज सिंह ने 56वीं जीएसटी परिषद बैठक के महत्वपूर्ण परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "ये सुधार कमियों को कम करेंगे, लागत घटाएंगे, मांग को प्रोत्साहित करेंगे और निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएंगे।"

Point of View

इस क्षेत्र में निरंतर वृद्धि और विकास की संभावनाएँ बनी हुई हैं। यह बात न केवल उद्योग के लिए, बल्कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत का कपड़ा उद्योग 2030 तक क्या लक्ष्य रखता है?
भारत का कपड़ा उद्योग 2030 तक 100 अरब डॉलर के निर्यात के साथ 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार बनने का लक्ष्य रखता है।
भारत का कपड़ा उद्योग जीडीपी में कितना योगदान देता है?
भारत का कपड़ा उद्योग जीडीपी में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान देता है।
भारत के कपड़ा निर्यात में प्रमुख साझेदार देश कौन से हैं?
भारत के कपड़ा निर्यात में प्रमुख साझेदार देश हैं जापान, यूनाइटेड किंगडम, यूएई, और ऑस्ट्रेलिया
2025 में भारत के कपड़ा निर्यात में कितनी वृद्धि हुई?
जुलाई 2025 में भारत का कपड़ा निर्यात 5.37 प्रतिशत बढ़कर 3.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
कपड़ा उद्योग में 'वोकल फॉर लोकल' का क्या महत्व है?
'वोकल फॉर लोकल' का मतलब है कि हमें अपने स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।