क्या भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया को मंदी से बाहर निकाल सकती है? : गौरव वल्लभ

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क्या भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया को मंदी से बाहर निकाल सकती है? : गौरव वल्लभ

सारांश

क्या भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी से उभरने का सामर्थ्य रखती है? भाजपा नेता गौरव वल्लभ के अनुसार, भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते और बढ़ते विदेशी निवेश से एमएसएमई सेक्टर को विशेष लाभ होगा। यह समझौता भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और नई तकनीक और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

Key Takeaways

  • भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता एमएसएमई को लाभ पहुंचाएगा।
  • मोदीनॉमिक्स ने वैश्विक स्तर पर भारत की साख को बढ़ाया है।
  • भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकलने की क्षमता रखती है।
  • नए निवेश से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
  • जीएसटी का नया वर्जन लोगों की आय बढ़ाने में सहायक है।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए), बढ़ते शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और प्रमुख क्षेत्रों पर इसके प्रभाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

गौरव वल्लभ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत–न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते से एमएसएमई सेक्टर को सबसे अधिक लाभ मिलने वाला है, क्योंकि इस क्षेत्र को बाजार की तलाश रहती है। जब न्यूजीलैंड जैसे देश से यह समझौता हुआ है, तो हम यह कह सकते हैं कि भारत के जो भी उत्पाद न्यूजीलैंड जाएंगे, उन पर जीरो शुल्क लगेगा।

उन्होंने कहा कि यह वैश्विक स्तर पर इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि मोदीनॉमिक्स ने इसका आधार तैयार किया था, जिसका फायदा अब देश को मिलने वाला है। प्रधानमंत्री की साख पूरी दुनिया में है। 29 देशों ने अपने-अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से प्रधानमंत्री को सम्मानित किया है। न्यूजीलैंड के साथ हुआ यह समझौता भी प्रधानमंत्री की साख के कारण ही संभव हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत पहले तीन-चार बड़े देशों को ही निर्यात करता था। अब की स्थिति में भारत अपने उत्पादों के लिए दुनिया के हर देश तक दस्तक दे चुका है। कई देशों के साथ एफटीए होना भारत की ताकत को दर्शाता है। पूरी दुनिया को भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकाल सकती है। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ कहते थे।

गौरव वल्लभ ने कहा कि जब अमेरिका के साथ टैरिफ की बात आई, तो प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि भारतीय अन्नदाताओं के खिलाफ एक प्रतिशत भी कोई फैसला नहीं होगा। एफटीए से कृषि उत्पादों और एमएसएमई सेक्टर को ताकत मिलेगी। इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जीडीपी बढ़ेगी, और ऐसी संभावना है कि आने वाले कुछ ही समय में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने जिस तरह जीएसटी का 2.0 वर्जन लागू किया, 12 लाख 75 हजार रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, जिससे लोगों की आय बढ़ी है। यही वजह है कि दुनिया का हर देश भारत में निवेश करना चाहता है। भारत में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है। नए लेबर कोड आए हैं और लैंड रिफॉर्म और लीगल रिफॉर्म पर काम चल रहा है। व्यापार में सुगमता के लिए सरकार ने मसौदे तैयार किए हैं।

गौरव वल्लभ के अनुसार, जब नया निवेश आएगा तो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। नई टेक्नोलॉजी में निवेश होगा और पीएलआई स्कीम के तहत कई रियायतें दी जा रही हैं। नए उत्पादों को इससे बड़ी ताकत मिलने वाली है।

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक सकारात्मक संकेत है। मुक्त व्यापार समझौतों और विदेशी निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावना है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते का क्या लाभ है?
यह समझौता एमएसएमई सेक्टर को जीरो शुल्क पर निर्यात का अवसर देगा, जिससे व्यापार में वृद्धि होगी।
मोदीनॉमिक्स का क्या योगदान है?
मोदीनॉमिक्स ने भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ी है।
भारत की अर्थव्यवस्था में एफटीए का महत्व क्या है?
एफटीए से भारत को कई देशों के साथ व्यापार संबंध बढ़ाने का अवसर मिलता है, जिससे निर्यात में वृद्धि होती है।
क्या भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते निवेश और व्यापार के कारण भारत जल्दी ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
सरकार ने व्यापार सुगमता के लिए कौन से कदम उठाए हैं?
सरकार ने नए लेबर कोड, लैंड रिफॉर्म और लीगल रिफॉर्म जैसे कई कदम उठाए हैं।
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