क्या भारत की बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं? राज्यपाल संतोष गंगवार
सारांश
Key Takeaways
- बेटियों की शिक्षा समाज की प्रगति का आधार है।
- राज्यपाल संतोष गंगवार ने छात्राओं को बधाई दी।
- महिला शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
- झारखंड की बेटियाँ विभिन्न क्षेत्रों में सफल हो रही हैं।
- जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का योगदान महत्वपूर्ण है।
जमशेदपुर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के राज्यपाल और राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि बेटियों की शिक्षा किसी भी समाज की वास्तविक और समावेशी प्रगति का सबसे बड़ा आधार है। वह बुधवार को जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने 25 छात्राओं को गोल्ड मेडल और 17 रैंक होल्डर्स को सम्मानित किया। समारोह में लगभग एक हजार छात्रों को डिग्रियां और उपाधियां प्रदान की गईं।
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने उपाधि और डिग्री पाने वाली सभी छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता परिश्रम, अनुशासन और समर्पण का परिणाम है। उन्होंने विश्वविद्यालय की यात्रा को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि एक इंटरमीडिएट कॉलेज से पूर्ण विश्वविद्यालय बनने तक, इस संस्थान ने महिला शिक्षा, सशक्तिकरण और सामाजिक परिवर्तन की महत्वपूर्ण कहानी लिखी है।
राज्यपाल ने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय की पूर्व छात्राएं शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, उद्यमिता, कला और खेल जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने में सफल हो चुकी हैं। उन्होंने संबोधन में केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, कौशल विकास, महिला उद्यमिता और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन अभियानों के सकारात्मक परिणाम आज पूरे देश में स्पष्ट रूप से देखे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की बेटियां वैश्विक मंचों पर नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं और झारखंड की बेटियां भी इस उपलब्धि की यात्रा में सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री प्राप्त करने का अवसर नहीं, बल्कि जीवन की एक नई यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि चाहे वे शिक्षा, प्रशासन, विज्ञान, उद्योग या सामाजिक सेवा जैसे किसी भी क्षेत्र में जाएं, उनकी सफलता मानवीय संवेदनाओं, नैतिक मूल्यों और जिम्मेदारियों से प्रेरित होनी चाहिए।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या लड़कों से अधिक रही है, जो झारखंड की उभरती नारी-शक्ति का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर महिला शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए तेजी से प्रयास करने का आह्वान किया।