क्या भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने के लिए तैयार है? पीएम मोदी ने एजेंडा बताया

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क्या भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालने के लिए तैयार है? पीएम मोदी ने एजेंडा बताया

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने रियो 2025 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। भारत अगले वर्ष ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा, जिसका लक्ष्य 'मानवता पहले' का दृष्टिकोण अपनाना है। यह घटनाक्रम वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • भारत अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा।
  • जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा पर जोर दिया गया।
  • मानवता पहले का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
  • भारत ने कई अंतरराष्ट्रीय पहलें शुरू की हैं।
  • ब्रिक्स का उद्देश्य सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो 2025 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। भारत अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता करने जा रहा है और इस दौरान भारत ब्रिक्स को एक नए रूप में पेश करने का प्रयास करेगा, जिसमें 'मानवता पहले' का दृष्टिकोण होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने रियो डी जनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इसके बाद, वे ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे, जहां उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ भारत-ब्राजील संबंधों पर चर्चा की।

सोमवार को रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स सत्र में पर्यावरण, सीओपी-30 और वैश्विक स्वास्थ्य पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स की प्रशंसा की कि यह महत्वपूर्ण मुद्दों को प्राथमिकता देता है। उन्होंने इन विषयों को मानवता के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बताया। भारत के लिए जलवायु न्याय केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी है।

पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की सुरक्षा हमेशा भारत के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। यह केवल ऊर्जा की बात नहीं है, बल्कि जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने की बात है।

अगले वर्ष भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने एजेंडे में वैश्विक दक्षिण को प्राथमिकता देगा और जन-केंद्रित तथा 'मानवता सर्वप्रथम' दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स को एक नए रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास होगा, जहां ब्रिक्स का मतलब होगा - सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार का निर्माण। उन्होंने राष्ट्रपति लूला को शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया।

'पर्यावरण, सीओपी-30 और वैश्विक स्वास्थ्य' पर आयोजित सत्र में ब्रिक्स सदस्यों, साझेदार देशों और आमंत्रित राष्ट्रों ने भाग लिया। भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर सत्र आयोजित करने के लिए उन्होंने ब्राजील को धन्यवाद भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन केवल ऊर्जा से संबंधित मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन को प्रभावित करता है। भारत जलवायु न्याय को नैतिक जिम्मेदारी के रूप में देखता है।

भारत के पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने देश द्वारा लोगों और ग्रह के हित में विकास के लिए शुरू की गई पहलों का उल्लेख किया। इनमें अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन, मिशन लाइफ और एक पेड़ मां के नाम जैसी योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और उसने पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर लिया है। उन्होंने विकासशील देशों के लिए सस्ती वित्तीय सहायता और तकनीकी हस्तांतरण की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे जलवायु परिवर्तन से निपट सकें। उन्होंने जलवायु वित्त ढांचे को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के मंत्र को अपनाया है और कोविड महामारी के दौरान अन्य देशों की मदद की। उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल स्वास्थ्य योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है और इन्हें वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। इस संदर्भ में, उन्होंने सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों को समाप्त करने के लिए बीआरआईसीएस साझेदारी की घोषणा का स्वागत किया।

पर्यावरण, सीओपी-30 और वैश्विक स्वास्थ्य सत्र में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के मंत्र के तहत भारत ने सभी देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' है, जो 50 करोड़ से अधिक लोगों के लिए जीवन रेखा बन चुकी है। आयुर्वेद, योग, यूनानी और सिद्ध जैसे पारंपरिक चिकित्सा तंत्रों का एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया गया है। डिजिटल स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से, देश के सबसे दूरस्थ कोनों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। भारत अपने सफल अनुभवों को साझा करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया है। 2022 में शुरू किया गया ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान और विकास केंद्र इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आज जारी किया गया 'सामाजिक रूप से निर्धारित बीमारियों के उन्मूलन के लिए ब्रिक्स साझेदारी' का बयान हमारे सहयोग को और मजबूत करेगा।

प्रधानमंत्री ने अगले साल भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता में सभी प्रमुख मुद्दों पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ब्रिक्स को 'क्षमता निर्माण, सहयोग एवं सतत विकास के लिए अन्वेषण' के रूप में नया रूप देना होगा। जैसे हमने जी-20 अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को प्राथमिकता दी, वैसे ही ब्रिक्स में भी हम 'मानवता पहले' की भावना से काम करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के समापन में कहा, 'एक बार फिर, मैं इस सफल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति लूला को हार्दिक बधाई देता हूं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।'

Point of View

भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत है। भारत का 'मानवता पहले' दृष्टिकोण न केवल भारत की जिम्मेदारी है, बल्कि यह विकासशील देशों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत भी बन सकता है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत कब ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा?
भारत अगले वर्ष, 2024 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा।
पीएम मोदी ने किस मुद्दे पर बात की?
पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य सुरक्षा के मुद्दों पर बात की।
ब्रिक्स का 'मानवता पहले' दृष्टिकोण क्या है?
'मानवता पहले' दृष्टिकोण का मतलब है कि सभी नीतियों में मानवता और उसके कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत ने किस प्रकार की पहलें शुरू की हैं?
भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन, और अन्य कई पहलें शुरू की हैं।
ब्रिक्स की भूमिका क्या है?
ब्रिक्स का उद्देश्य विभिन्न देशों के बीच सहयोग और विकास को बढ़ावा देना है।