क्या भारत वैश्विक हरित समुद्री भविष्य का नेतृत्व करने को प्रतिबद्ध है?: सर्बानंद सोनोवाल
सारांश
Key Takeaways
- भारत का ग्रीन टग प्रोजेक्ट स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह परियोजना समुद्री क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन को तेज करेगी।
- इलेक्ट्रिक ग्रीन टग शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ संचालित होगा।
- यह कदम नवाचार और हरित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- यह टग भारत के प्रमुख बंदरगाहों में भविष्य के बेड़े के लिए मानक स्थापित करेगा।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत एक स्वच्छ और स्थायी समुद्री भविष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि सरकार हरित विकास की महत्वाकांक्षी योजना को मजबूती से लागू कर रही है और हरित समुद्री क्षमता में वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने के लिए संकल्पित है।
सोनोवाल ने देश के पहले पूर्णतः इलेक्ट्रिक ग्रीन टग के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा परिवर्तन और भविष्य के अनुकूल बुनियादी ढांचे पर आधारित विकास मॉडल को आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री लगातार पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, स्वच्छ ऊर्जा और नवाचार आधारित विकास के लिए प्रयासरत हैं। आज ग्रीन टग की शुरुआत इस दृष्टि को आगे बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।”
पूर्णतः इलेक्ट्रिक ग्रीन टग का निर्माण कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (डीपीए) के लिए किया जा रहा है। यह परियोजना बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम के तहत विकसित हो रही है, जिसका उद्देश्य देश में समुद्री क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन को तेज करना है।
सोनोवाल ने स्टील-कटिंग समारोह के दौरान कहा कि यह कदम एक “हरित, मजबूत और आत्मनिर्भर समुद्री इकोसिस्टम” के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि ‘विकसित भारत’ के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण में समुद्री क्षेत्र को राष्ट्रीय आर्थिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना गया है।
मंत्रालय के अनुसार नया ग्रीन टग 60 टन बोलार्ड पुल क्षमता, पूर्णतः शांत संचालन, शून्य कार्बन उत्सर्जन और ऊर्जा दक्षता के सर्वोच्च स्तर से सुसज्जित होगा। टग की इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली, आधुनिक नेविगेशन फीचर्स और कम-रखरखाव डिज़ाइन न केवल लागत में कमी लाएंगे बल्कि कार्बन फुटप्रिंट में भी महत्वपूर्ण कमी करेंगे।
सोनोवाल ने कहा कि नवाचार ही राष्ट्रीय प्रगति का आधार है और यह ग्रीन टग उसी का प्रतीक है। यह टग भारत के प्रमुख बंदरगाहों में भविष्य के बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए मानक स्थापित करेगा और पर्यावरण संरक्षण के साथ समुद्री दक्षता बढ़ाने में सहायक होगा।