क्या देश की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में बड़ा बदलाव आया है?

Click to start listening
क्या देश की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में बड़ा बदलाव आया है?

सारांश

हाल के वर्षों में, भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में स्वदेशी तकनीक को महत्व दिया जा रहा है। यह बदलाव आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूती आई है। जानिए, इस बदलाव के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • रक्षा व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है।
  • स्वदेशी तकनीक का महत्व बढ़ा है।
  • भारत अब निर्यातक के रूप में उभरा है।
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार के अनुसार, पिछले ग्यारह वर्षों में भारत की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। यह परिवर्तन स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में है। सरकार ने जोर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

रक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत का रक्षा व्यय 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अब केवल हथियार प्राप्त करने पर ध्यान नहीं है, बल्कि घरेलू क्षमता के निर्माण पर भी है। 2024-25 के दौरान, रक्षा उत्पादन 1.50 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो 2014-15 के स्तर से तीन गुना अधिक है। लड़ाकू विमान, मिसाइल प्रणालियां, तोपखाना, युद्धपोत, नौसैनिक पोत, और विमानवाहक पोत अब भारत में निर्मित हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि आत्मनिर्भरता और प्रतिरोध हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार बन गए हैं।

पिछले एक दशक में, रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़कर 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। भारतीय उपकरण अब संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, और आर्मेनिया जैसे 100 से अधिक देशों को निर्यात किए जाते हैं। भारत अब केवल रक्षा उत्पादों का एक बड़ा आयातक नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ निर्यातक भी बन गया है।

रक्षा विभाग के अनुसार, भारत की रक्षा नीति पिछले एक दशक से आत्मनिर्भरता के सिद्धांत पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने आयात पर निर्भरता कम करने, स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने, और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी इकोसिस्टम बनाने के लिए संरचनात्मक सुधारों को लागू किया है। केंद्र की रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित श्रेणी को प्राथमिकता देती है, जो स्थानीय डिजाइन, विकास और उत्पादन पर अधिकतम निर्भरता सुनिश्चित करती है।

भारतीय उद्योगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मेक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है। 100 करोड़ रुपए प्रति वर्ष तक की खरीद वाली परियोजनाओं को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए निर्धारित किया गया है। अब तक सेना, नौसेना, वायु सेना एवं आईडीएस मुख्यालय की 146 परियोजनाओं को विभिन्न ‘मेक’ श्रेणियों के अंतर्गत ‘सैद्धांतिक स्वीकृति’ दी जा चुकी है। भारत ने घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

विशेषकर, रूस के साथ 2019 में हुआ अंतर-सरकारी समझौता भारत में रूसी-निर्मित प्लेटफार्मों के लिए पुर्जों के संयुक्त उत्पादन की अनुमति देता है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होती है। भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एक दृढ़ और स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाया है। पिछले एक दशक में की गई कार्रवाइयों का पैटर्न इसी नीति को दर्शाता है। 2016 में उरी हमले के बाद, भारत ने नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, भारत ने बालाकोट में एक आतंकवादी शिविर पर सटीक हवाई हमले किए। सबसे हालिया कार्रवाई मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' के रूप में की गई। पहलगाम में आम नागरिकों की हत्या के जवाब में, भारत ने अपने सशस्त्र बलों को कार्रवाई करने की पूरी आजादी दी।

ड्रोन और सटीक हथियारों का उपयोग करते हुए, उन्‍होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर में नौ आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। कुल 100 से अधिक आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया। जिनमें आईसी-814 अपहरण और पुलवामा हमले से जुड़े लोग भी शामिल थे। पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमले करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय ड्रोन-रोधी प्रणालियों ने उन्हें नाकाम कर दिया। 2025 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को 'एक नया मानदंड' बताया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जब भी आतंकवाद भारत के नागरिकों के लिए खतरा बनेगा, तो भारत पूरी ताकत से जवाब देगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की सुरक्षा नीति में आत्मनिर्भरता का बढ़ता महत्व दर्शाता है कि हम अपने ही संसाधनों और तकनीकों पर निर्भर हो रहे हैं। यह कदम न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत की रक्षा नीति में स्वदेशी तकनीक का क्या महत्व है?
स्वदेशी तकनीक का महत्व इस बात में है कि यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुदृढ़ करती है।
रक्षा निर्यात में भारत का स्थान क्या है?
भारत अब रक्षा निर्यात में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है, जो 100 से अधिक देशों को उपकरण निर्यात कर रहा है।
भारत की रक्षा खर्च में वृद्धि का कारण क्या है?
रक्षा खर्च में वृद्धि का कारण आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना है।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य क्या था?
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना था।
क्या भारत ने रक्षा उपकरणों के निर्यात में वृद्धि की है?
जी हां, भारत ने पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात में 34 गुना वृद्धि की है।