क्या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन होगा?

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क्या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन होगा?

सारांश

भारत के आत्मनिर्भरता के अभियान का एक महत्वपूर्ण चरण, इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन। यह आयोजन रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित मंडप के माध्यम से नवाचार और तकनीकी क्षमताओं का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगा।

Key Takeaways

  • आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
  • नवाचार और तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन।
  • रक्षा उत्पादन में बढ़ती भागीदारी
  • रक्षा निर्यात में वृद्धि के संकेत।
  • विशेष मंडप का आयोजन।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष के इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन लोगों का ध्यान खींचेगा। यहाँ रक्षा विनिर्माण की बढ़ती ताकत, नवाचार और आत्मनिर्भरता की झलक देखने को मिलेगी। सैन्य प्लेटफार्मों, एयरोस्पेस और अत्याधुनिक उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और नवाचारों की एक विस्तृत श्रृंखला यहाँ प्रदर्शित की जाएगी।

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेनाओं ने स्वदेशी हथियारों का व्यापक स्तर पर उपयोग किया था।

44वां भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 14 से 27 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इस मेले में एक विशेष रक्षा मंडप स्थापित किया जा रहा है, जो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा संचालित होगा। यह मंडप ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में प्राप्त उल्लेखनीय प्रगति, नवाचार और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करेगा।

इस अवसर पर भारत की रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की बढ़ती शक्ति, क्षमता और तकनीकी नवाचारों का प्रदर्शन होगा। मंडप में भारतीय सेना से जुड़े लैंड सिस्टम, नौसैनिक प्लेटफॉर्म, एयरोस्पेस और उभरती प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। यहाँ सैन्य क्षेत्र की आधुनिक प्रौद्योगिकियों और उनसे विकसित अत्याधुनिक उत्पादों, तकनीकों और नवाचारों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाएगी। इस प्रदर्शनी में सभी 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रम यानी डिफेंस पीएसयू तथा ‘इनोवेशन फॉर डिफेन्स एक्सीलेंस’ कार्यक्रम से जुड़े रक्षा स्टार्टअप्स भाग लेंगे। रक्षा उत्पादन विभाग का यह मंडप जनता को भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं से परिचित कराएगा।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह उद्योग जगत के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और रक्षा उत्पादन क्षेत्र में नवाचार एवं आत्मनिर्भरता के संदेश को फैलाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगा।

बता दें कि आज के युग में युद्ध के मैदान से पहले, युद्ध, डेटा और एल्गोरिदम में लड़ा जाने लगा है, इसलिए फ्रंटियर टेक्नोलॉजी में जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिले हैं। नवाचार और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने रक्षा निर्माण के क्षेत्र में बड़े लक्ष्य निर्धारित किए हैं। 2029 तक कम से कम 3 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन करना सरकार का उद्देश्य है। साथ ही 50,000 करोड़ रुपए तक का रक्षा निर्यात करने का भी लक्ष्य रखा गया है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नीतियों में निरंतर सुधार हो रहा है। इस वर्ष को ‘सुधार का वर्ष’ घोषित किया गया है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछले दस वर्षों में किए जा रहे प्रयासों का यह प्रमाण है कि हमारा रक्षा उत्पादन 2014 में जहाँ मात्र 46,425 करोड़ रुपए था, वहीं आज यह बढ़कर रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। इसमें से 33,000 करोड़ रुपए से अधिक का योगदान निजी क्षेत्र से आ रहा है, जो दर्शाता है कि आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान में निजी उद्योग भी भागीदार बन रहे हैं। इसी भागीदारी का परिणाम है कि भारत का रक्षा निर्यात, जो दस वर्ष पहले 1,000 करोड़ रुपए से भी कम था, आज वह बढ़कर रिकॉर्ड 23,500 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।

Point of View

बल्कि औद्योगिक साक्षरता और नवाचार में भी योगदान देता है। इस पहल से न केवल देश की रक्षा तैयारियों में सुधार होगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर कब हो रहा है?
यह मेला 14 से 27 नवंबर 2023 तक आयोजित होगा।
इस मेले में कौन-कौन से उत्पाद प्रदर्शित होंगे?
यहाँ स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ, सैन्य प्लेटफार्म, एयरोस्पेस और अन्य अत्याधुनिक उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे।
रक्षा मंडप का उद्देश क्या है?
रक्षा मंडप का उद्देश्य आत्मनिर्भरता, नवाचार और रक्षा उत्पादन में प्रगति को प्रदर्शित करना है।